Thursday, November 21, 2024
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जनहित की योजनाओं का गला घोंटना निंदनीय, हिमकेयर आपातकाल का सहारा : राकेश जम्वाल 

कहा, मरीजों की लाइफलाइन “हिमकेयर “बंद कर असवेंदनशीलता का दे रही परिचय 

इतिहास में तालाबंदी की सरकार के रूप में जानी जाएगी सुकखु सरकार 

 हिमाचल प्रदेश में कांग्रेस की भ्रष्ट ,कन्फ्यूज, कामचोर और कुप्रबंधन की सरकार चल रही है। जिनका जनता से और उनसे जुडी जनकल्याणकारी योजनाओं तक दूर तक कोई वास्ता नहीं है। भाजपा मुख्य प्रवक्ता और सुन्दरनगर से विधायक राकेश जमवाल ने मीडिया को जारी एक ब्यान में कहा कि 19महीने बीतने पर भी कांग्रेस की सरकार के पास अपनी उपलब्धि के नाम पर कुछ भी कहने के लिए नहीं हैं। इस सरकार को इतिहास में तालाबंदी की सरकार के रूप में जाना जाएगा।

उन्होंने कहा कि प्रदेश में मरीजों की सुविधा के लिए हिमकेयर की सुविधा जोकि हिमाचल के लोगों के लिए लाइफलाइन की भूमिका निभा रही थी परंतु इस असंवेदनशील मुख्यमंत्री ने यह सुविधा भी लोगों से छीन ली है। हिमकेयर योजना को योजनाबद्ध तरीके से बंद करने का कार्य यह सरकार कर रही है।

विधायक राकेश जमवाल ने सुन्दरनगर ऑक्सीजन प्लांट का हवाला देते हुए कहा कि कोविड जैसी महामारी के समय इस तरह के प्लांट जीवनदायी साबित हुए परंतु आज बदहाली और कुप्रबंधन का शिकार हो गए हैं। पिछली सरकार के कार्य को बंद करने के चक्कर में वे जनता का कितना बड़ा अहित कर रहे है यह सरकार न सोचना चाहती न ही देखना चाह रही है। उन्होंने कहा कि आज सरकारी अस्पतालो में बढ़ती भीड़ व सुविधाओं के अभाव में मरीजों को आपातकालीन स्थिति में निजी स्वास्थ्य केंद्र की और रुख करना पड़ता था परन्तु कैशलेस सुविधा को बंद करने पर वे स्वास्थय लाभ नहीं ले पाएंगे।

उन्होंने कहा कि हिमाचल और हिमाचल से बाहर 141 निजी स्वास्थय संस्थानों में हिमकेयर कार्ड के माध्यम से इलाज होता था। सरकारी अस्पताल और निजी अस्पताल दोनों को मिला कर इन संस्थानों की संख्या 292 है जहां हिमकेयर कार्ड चलता था। परंतु आज सरकार के वित्तीय कुप्रबंधन के कारण मरीज खुद को अक्षम मान रहे है। उन्होंने कहा कि सरकारी स्वास्थय संस्थानों में भी इन सुविधाओं का लाभ पिछले समय में बंद हो गए था परंतु प्रदेश में चुनावों की स्थिति में इस विषय पर लोगों की नाराजगी को देखते हुए सरकार ने आधे अधूरी राशि दे कर पल्ला झाड लिया था परंतु जिस तरह से सरकार कार्य कर रही है उससे उनकी मंशा साफ झलक रही है कि यह सरकार इस सुविधा का लाभ लम्बे समय तक मरीजों को देने के पक्ष में नहीं है।

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