Thursday, February 20, 2025
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प्रदेश सरकार में विकास कार्यों के प्रति इच्छाशक्ति का अभाव : सुरेश कश्यप

शिमला : भाजपा के पूर्व प्रदेशाध्यक्ष एवं सांसद सुरेश कश्यप ने प्रदेश की कांग्रेस सरकार पर कुप्रबंधन के आरोप लगाए हैं। उन्होंने कहा कि वर्तमान कांग्रेस सरकार के कार्यकाल में एक के बाद एक कुप्रबंधन के अनेकों मसले सामने आ रहे हैं, जिसके चलते हिमाचल प्रदेश को विकास की दृष्टि से काफी हानि हो रही है।

प्रदेश में कचरे से ऊर्जा उत्पादन योजना को लेकर भी उन्होंने प्रदेश सरकार को आड़े हाथों लिया और कहा कि कचरे से ऊर्जा उत्पादन योजना के अंतर्गत हिमाचल प्रदेश से बायोगैस प्लांट स्थापित करने का कोई प्रस्ताव दिल्ली पहुंचा ही नहीं। हालांकि प्रदेश सरकार का इस बात पर कहना था कि बायो गैस प्लांट स्थापित करने का प्रस्ताव नवीन एवं नवीकरण ऊर्जा मंत्रालय को भेजा गया है। लेकिन इस बात का खुलासा संसद के चल रहे बजट सत्र के दौरान राज्यसभा में हुआ कि इस तरह का कोई प्रस्ताव दिल्ली भेजा ही नहीं गया है। राज्य सभा में नवीन एवं नवीकरण ऊर्जा मंत्रालय राज्य मन्त्री श्रीपद नायक ने बताया की मंत्रालय को कचरे से ऊर्जा उत्पादन योजना के अन्तर्गत हिमाचल प्रदेश से बायो गैस प्लांट स्थापित करने का कोई प्रस्ताव प्राप्त नहीं हुआ है। श्रीपद नायक ने बताया की इस योजना के अन्तर्गत बायो गैस उत्पादन के लिए मंत्रालय 4800 किलो प्रतिदिन क्षमता के नए प्लांट पर ₹4 करोड़ की केंद्रीय वित्तीय सहायता प्रदान करता है, जबकि पहले से कार्यरत प्लांट पर 4800 किलो प्रतिदिन बायो गैस उत्पादन पर ₹3 करोड़ की वित्तीय सहायता प्रदान करता है। फसलों के अवशेष को निपटाने के लिए किसानों को मशीनरी पर पचास प्रतिशत उपदान दिया जाता है।

उन्होंने कहा कि लगातार भारतीय जनता पार्टी वर्तमान कांग्रेस सरकार पर आरोप लगा रही है कि जब केंद्र सरकार को किसी परियोजना के बारे में अवगत ही नहीं करवाया जाता। या अगर विस्तृत रूप में बताया जाए कि हिमाचल प्रदेश से समाज पर डीपीआर ही नहीं भेजी जाती तो केंद्र उसे योजना के अंतर्गत पैसे कैसे देगा। केंद्र हिमाचल प्रदेश को आगे बढ़ाने में कोई कमी नहीं छोड़ रहा है, पर वर्तमान प्रदेश सरकार का रवैया देखकर तो ऐसा प्रतीत हो रहा है कि सरकार काम करने की इच्छा शक्ति ही नहीं रखती है। हिमाचल के अनेकों विकासात्मक कार्य इसी वजह से सकारात्मक गति नहीं पकड़ पा रहे। अगर ऐसे कुप्रबंधन के लिए कोई जिम्मेदार है तो वर्तमान कांग्रेस सरकार है। हालात यह है कि प्रदेश में न ठेकेदारों को उनके द्वारा किए गए कार्यों का भुगतान हो रहा है, और न ही किसी विकासात्मक गतिविधि पर कार्य किया जा रहा है।

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