शिमला: केंद्रीय कमेटी के आवाहन पर केंद्र सरकार द्वारा 2 फरवरी को घोषित किए बजट के विरोध में SFI, DYFI,AIDWA द्वारा प्रदर्शन किया गया साथ ही बजट की प्रति को भी जलाया एक ओर जहां पूरे देश में कोरोना महामारी के चलते विभिन्न लोगों को इस बजट से आस थी कि इस बजट के बाद जनता को राहत मिलेगी परंतु केंद्र सरकार द्वारा किसी प्रकार की राहत इस बजट में नहीं दी गई ।
उन्होंने कहा कि बजट में जहां एक ओर मनरेगा में बजट कम किया गया वहीं दूसरी ओर युवाओं को रोजगार देने की बात की गई परंतु कोरोना महामारी के चलते जिस तरह से लगातार रोजगार छिन गया उसकी भरपाई करना मुश्किल है पर जो राहत केंद्र सरकार युवाओं को दे सकती थी वो राहत केंद्र सरकार द्वारा नहीं दी गई आज देश के अंदर विभिन्न परीक्षाओं को पास कर जब युवा रोजगार की बात करते हैं तो उन्हें लाठी-डंडे दिए जा रहे हैं बिहार में पिछले दिनों हुई घटना इसका एक जीता जागता उदाहरण है देश के अंदर अनेक विभागों में अनगिनत पदों खाली पड़े हैं परंतु केंद्र की सरकार उन पदों को भरने का कार्य नहीं कर रही है 2014 से लेकर केंद्र की सरकार हर वर्ष नौकरी देने की बात करती है परंतु युवाओं को स्थाई रोजगार के नाम पर ठेके पर नौकरियां दी जा रही है और उनके द्वारा युवाओं का शोषण किया जा रहा है ।.
केंद्र सरकार द्वारा इस बजट में बढ़ती महंगाई को लेकर किसी प्रकार की राहत आम जनता को नहीं दी गई सरकार लगातार बढ़ती महंगाई को कम करने में विफल रही है जहां गैस सिलेंडर की कीमत 1000 से ऊपर है वहीं दूसरी ओर खाद्य पदार्थों की कीमतों में लगातार इजाफा हो रहा है इस बजट में महंगाई को कम करने को लेकर केंद्र की सरकार ने कोई भी कदम नहीं उठाया है । सरकार इसे अमृत काल का बजट कह रही है लेकिन इस बजट में किसी भी वर्ग को राहत देने का कार्य नहीं किया गया ।
प्रदर्शन के माध्यम से विभिन्न जन संगठनों ने केंद्र की सरकार से आगामी दिनों में बढ़ती महंगाई को कम करने रोजगार को लेकर स्थाई नीति बनाने छात्रों को आ रही विभिन्न समस्याओं को शीघ्र दूर करने की मांग की।