Thursday, November 21, 2024
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मोदी लहर में हार को सामने देख चुनाव लड़ने से मुकरें कांग्रेसी : राकेश जमवाल live video watch

कांग्रेस डूबता जहाज जिस पर कप्तान भी नहीं होना चाहता सवार

हार सामने देख प्रतिभा सिंह, कौलसिंह, रामलाल सरीखे नेता मुकर रहे चुनाव लड़ने से

मंडी : एनडीए के 400 पार के नारे के बाद और देश विदेश में प्रधानमंत्री मोदी की लोकप्रियता को देखते हुए कांग्रेस की स्थिति आज युद्ध से पहले पीठ दिखा कर भागने जैसी हो गई हैं। विधायक व भाजपा मुख्य प्रवक्ता राकेश जमवाल ने मिडिया को जारी एक ब्यान में कहा कि आज प्रदेश में मुख्यमंत्री बनने के सपने देखने वाले नेता चाहे वो सांसद प्रतिभा सिंह हो या रामलाल और कौल सिंह चुनाव लड़ने से मुकर रहें हैं, क्यूंकि उन्हें आभास हो गया हैं कि एक बार फिर केंद्र में भाजपा की सरकार प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में बनने जा रही हैं। अपने चुनाव न लड़ने के ब्यान से एन नेताओं ने प्रधानमंत्री मोदी एक बार फिर देश का नेतृत्व करें को मौन स्वीकृति दे दी हैं।

विधायक राकेश जमवाल ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी के कार्यकाल में देश ने आश्चर्यचकित करने वाले आयाम स्थापित किए हैं और भारत देश की सफलता का डंका विदेशों में भी बजा हैं। उन्होंने कहा कांग्रेस को खुद को साबित करने का मौका मिलता रहा परन्तु परिवार वाद के कारण कांग्रेस उसमें सफल नहीं हो पाई आज आलम ये हैं कि कांग्रेस के नेता या तो चुनाव लड़ने से ही मुकर रहे हैं या फिर मिले हुए टिकटों को भी वापिस कर रहे हैं जो कि खुद में कांग्रेस की बदहाली को बयां करती हैं। गाँधी परिवार एक ही ब्रांड से जनता का मोहभंग हो गया हैं।

उन्होंने कहा कि आज विपक्ष चुनाव लड़ने का साहस खो बैठा हैं और सोनिया गांधी सरीखे नेता भी चुनाव न लड़ कर राज्यसभा के रास्ते संसद में आना चाह रहे हैं। केंद्र में भाजपा के इलावा कोई विकल्प नहीं बच गया है। हिमाचल प्रदेश के सन्दर्भ में बात करते हुए विधायक राकेश जमवाल ने कहा कि हिमाचल में अपनी सरकार होते हुए मुख्यमंत्री अपने राज्यसभा प्रत्याशी की सीट नहीं बचा पाए इसलिए यह कहना गलत नहीं कि कांग्रेस इस डूबता जहाज हैं जिससे उसके कप्तान भी सवारी नहीं करना चाहते हैं।

महिलाओं को 1500₹देने पर विधायक राकेश जमवाल ने कहा कि 22लाख महिलाओं को पहली कैबिनेट में 1500₹ की गारंटी सरकार की प्रमुख गारंटी थी। आज सरकार उसको भी शर्तों की पेचीदगी में फसा कर जनता को गुमराह कर रही हैं। जबकि सरकार की इस घोषणा को पूरा करने की न कोई ठोस नीति बनी हैं न ही सरकार की कोई नियत हैं। 2022 में झूठी गारंटी दे कर प्रदेश को ठगा फिर बजट का रोना रो कर उन्हें पूरा करने से पीछे हटते रहे। आज फिर लोकसभा व उपचुनाव देख कर फिर जनता को ठगना चाहते हैं।

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