Saturday, April 20, 2024
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स्वास्थ्य क्षेत्र के सुदृढ़ीकरण हेतु वित्त वर्ष 2023-24 में 3139 करोड़ रुपए का बजटीय प्रावधान : सुंदर सिंह ठाकुर

क्षेत्रीय अस्पताल कुल्लू में होगी स्वास्थ्य सेवाएं और अधिक बेहतर  

रेणुका गौतम, कुल्लू : “मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू के नेतृत्व वाली प्रदेश सरकार स्वास्थ्य, शिक्षा, व सड़क क्षेत्र को सर्वोच्च प्राथमिकता प्रदान कर रही है। मुख्यमंत्री द्वारा वर्ष 2023- 24 के बजट में स्वास्थ्य के लिए 3139 करोड़ रुपये का बजट प्रस्तावित किया गया हैं” , यह जानकारी मुख्य संसदीय सचिव ऊर्जा, पर्यटन, वन व परिवहन सुंदर सिंह ठाकुर  अपने संबोधन में दी गई। 

         वह कुल्लू स्थित अटल सदन में स्वास्थ्य विभाग एवं राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन क्षेत्रीय अस्पताल कुल्लू द्वारा आयोजित राष्ट्रीय गुणवत्ता आश्वासन मानक पुरस्कार वितरण समारोह में बतौर मुख्य अतिथि शमिल हुए। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार विशेषकर ग्रामीण क्षेत्रों में लोगों को उनके घर द्वार के निकट विशेषज्ञ स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध कराने के लिए वचनबद्ध है। उन्होंने कहा कि इसी के दृष्टिगत वर्तमान प्रदेश सरकार ने प्रत्येक विधानसभा क्षेत्र में एक आदर्श स्वास्थ्य संस्थान विकसित करने का निर्णय लिया है। इन स्वास्थ्य संस्थान में विभिन्न विशेषज्ञों और अन्य स्टाफ सहित 134 तरह की लेबोरेटरी जांच सुविधाएं तथा आवश्यकतानुसार लेटेस्ट स्टेट ऑफ द आर्ट टेक्नोलॉजी की एमआर आई ,सीटी स्कैन ,अल्ट्रासाउंड और डिजिटल एक्स-रे सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएगी। ताकि स्थानीय निवासियों की जिला अस्पताल तथा मेडिकल कॉलेजों पर निर्भरता कम हो सके, तथा उन्हें घर द्वार के निकट ही विशेषज्ञ व अति आधुनिक सेवाएं उपलब्ध हो सकें।

         अपने संबोधन के दौरान सुंदर सिंह ठाकुर ने कहा कि प्रदेश सरकार हिमाचल प्रदेश मेडिकल सर्विस कारपोरेशन का गठन करने जा रही है। ताकि विभिन्न स्वास्थ्य संस्थानों के लिए आवश्यक दवाइयां, आधुनिकतम मशीनरी एवं उपकरण की खरीद उचित मूल्य पर की जा सके, साथ ही समय पर उनकी आपूर्ति सुनिश्चित बनाई जा सके। मुख्य संसदीय सचिव ने कहा कि प्रदेश सरकार प्रदेश वासियों को विश्वस्तरीय चिकित्सा तकनीक सुविधा उपलब्ध कराने के प्रति प्रयासरत है। जिसके तहत प्रथम चरण में मेडिकल कॉलेजों में रोबोटिक सर्जरी सुविधा उपलब्ध कराई जाएगी। जिसके लिए 100 करोड रुपए की राशि का बजट प्रावधान किया गया है। 

        उन्होंने कहा कि प्रदेश के मेडिकल कॉलेजों में कैजुअल्टी विभाग में एक बिस्तर पर एक से अधिक मरीज पाए जाते हैं जिससे मरीजों को अन्य बीमारियां होने की संभावना बनी रहती है। इस परिस्थिति से निपटने के लिए प्रदेश के सभी मेडिकल कॉलेजों में कैजुअल्टी विभाग को अपग्रेड करके एमरजेंसी मेडिसन डिपार्टमेंट बनाया जा रहा है। इस योजना के अंतर्गत लगभग 150 करोड रुपए की लागत से 50 बिस्तरों की क्षमता के क्रिटिकल केयर ब्लॉक्स का निर्माण किया जाएगा। इस सेवा को 24*7 उपलब्ध कराने के उद्देश्य से उपयुक्त विशेषज्ञ, मेडिकल अधिकारी, स्टाफ नर्स एवं अन्य कर्मियों की उपलब्धता सुनिश्चित की जाएगी। उन्होंने समस्त क्षेत्रीय अस्पताल कुल्लू के स्टाफ को उत्कृष्ट कार्य के लिए बधाई दी तथा कहा कि इन्हीं की कठिन परिश्रम के चलते क्षेत्रीय अस्पताल कुल्लू राष्ट्रीय गुणवत्ता आश्वासन मानक व कायाकल्प में प्रथम स्थान प्राप्त कर सके। उन्होंने कोविड के समय शोभला साथी ट्रस्ट, स्वास्थ्य विभाग व अन्य द्वारा दी गई सेवाओंं के लिए बधाई दी।

  उन्होंने कहा कि क्षेत्रीय अस्पताल कुल्लू में स्वास्थ्य सुविधाएं सुदृढ़ करने के उद्देश्य से अनेक कदम उठाए जा रहे हैं।  क्षेत्रीय अस्पताल मे पिछले लंबे समय से रिक्त पड़े चिकित्सकों के पद भरे जा रहे है। पिछले कई वर्षो से बन्द अल्ट्रासाउंड को प्रदेश में नई सरकार बनते ही आरम्भ किया गया है, जिससे अब गर्भवती महिलाओं को अस्पताल में ही ये सुविधा उपलब्ध होनी शुरू हो गई है। गत दो माह में 500 से अधिक अल्ट्रासाउंड किये जा चुके हैं।

   सीपीएस ने इस अवसर पर उत्कृष्ट कार्य के लिए चिकित्सकों, पेरा मेडिकल स्टाफ व अन्य कर्मचारियों को सम्मानित किया। मुख्य चिकित्सा अधिकारी नागराज पवार ने मुख्य अतिथि का स्वागत किया तथा स्वास्थ्य विभाग की गतिविधियों की जानकारी दी। इस अवसर पर जिला परिषद सदस्य अरुणा, चिकित्सा अधीक्षक डॉ नरेश चंद व अन्य गणमान्य व्यक्ति मौजूद रहे। 

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