डबल इंजन अब आपस में ही भिडऩे के लिए हरदम तैयार
सुजानपुर : कांग्रेस विधायक राजेंद्र राणा ने कहा है कि सत्ता के आधे कार्यकाल से गुजर चुकी सरकार से अब प्रदेश की जनता विकास की आस न रखे। राणा बोले कि आज के दौर की राजनीति का दुर्भाग्य यह है कि जिस झूठ, छल, फरेब को मोहरा बनाकर बीजेपी ने प्रचंड बहुमत हासिल किया है वही छल-कपट, झूठ-फरेब की सियासी साजिशों में अब बीजेपी खुद घिर गई है। जब तक केन्द्र में बीजेपी की सरकार थी तो जो लोग केन्द्र और प्रदेश में एक पार्टी की सरकार होने पर डबल इंजन व डबल विकास की बातें करते थे आज जनादेश के माध्यम से सत्ता की शक्ति के जोर पर अब यह इंजन एक दूसरे से भिडऩे को हर दम अमादा रहते हैं। जिसका नमूना प्रदेश की जनता को आए रोज कभी प्रत्यक्ष तो कभी परोक्ष संदेशों के माध्यम से सुनने समझने को मिल रहा है और अब जब आपसी खुन्नस व आपसी जलन का मामला शिमला में स्टेज पर सामने आया है तो भाजपा के बैर वैमन्स्य से भरा चेहरा व चरित्र सामने आ चुका है। जो लोग केन्द्र की दुहाई देकर पार्टी को अपने एजेंडे पर चलाने की चाहत में कांग्रेस को कोसते नहीं थकते थे वह आज अपने ही लोगों की परछाई तक को नहीं बख्श रहे हैं। जिसमें प्रदेश का सबसे बड़ा अहित हो रहा है। चर्चाएं हमीरपुर में सीएम के दौरे के दौरान उनकी गाड़ी के भीतर की हों या जंजैहली मामले की हों या फिर शिमला के स्टेज की हों। नौबत किसी से छुपी नहीं है और अब तो आपसी सियासी दुश्मनी का आलम यह है कि एक केन्द्र से प्रदेश के विकास के लिए बजट की गुहार लगाता है तो दूसरा केन्द्र में अपनी शक्तियों का अपनों पर ही प्रयोग करते हुए उस आग्रह व प्रयास पर कुंडली मारकर बैठ जाता है। लेकिन प्रदेश की जनता सब देख समझ रही है कि अब बीजेपी प्रदेश के विकास व हितों की लड़ाई की बजाय अपने-अपने अहम की जंग में एक-दुसरे को निपटाने के लिए अखाड़े से बाहर भी अखाड़े बना रहे हैं। जो कि प्रदेश की जनता के हितों के साथ खिलवाड़ ही नहीं बल्कि प्रदेश की जनता के हितों को लूटने जैसा है। सत्ताधारी पार्टी के भीतर और बाहर अब षड्यंत्र और साजिशों की जंग अपनों की ही पीठ को लहूलुहान करने में लगी है। सत्ता अहम की यह चाबुक बीजेपी के कार्यकर्ताओं को भी अविश्वास के सन्नाटे में धकेले हुए है। राणा बोले कि मामला कांगड़ा का हो या हमीरपुर या फिर शिमला, सोलन का हो। बीजेपी के सत्ताधीश आपसी जंग में अपनों के ताज व मुखौटों की छिनाझपटी में लगे हैं जिस कारण से शिक्षा, चिकित्सा, सड़कें, स्वास्थ्य आदि मूलभुत सुविधाओं के लिए भी निरंकुश अफसरशाही की मनमानियों में निरंतर जनता हताश व निराश है।