ढालपुर मैदान से देवताओं के शिविर हटाने की भी की कड़ी आलोचना
रेणुका गौतम, कुल्लू : “जिला मुख्यालय ढालपुर मैदान में जिस तरह से आग के चलते देवी देवताओं अस्थाई शिविरों को नुकसान पहुंचा और साथ लगती पांच दुकानों में रखा सामान भी जला। अब प्रशासन को चाहिए कि वह तुरंत उनके लिए उचित व्यवस्था करें”, पत्रकारों से रूबरू होते हुए जिला भाजपा महिला मोर्चा की प्रवक्ता खेमा दीपक ने यह बात कही।
अपने संबोधन के दौरान उन्होंने कहा कि दशहरे के पहले दिन ही जिला प्रशासन के द्वारा यहां से देवी देवताओं के टेंटों को हटाया जाना बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है। बंजार के विधायक सुरेंद्र शौरी ने मौके पर पहुंचकर इस मामले को प्रशासन के समक्ष उठाया और देवी देवताओं को उनकी जगह पर ही स्थापित करने की बात प्रशासन के समक्ष रखी। हालांकि प्रशासन अपने अड़ियल रवैया पर डटा रहा। लेकिन देवी देवताओं के शिविर को मैदान से हटाने का निर्णय लेना बिल्कुल गलत है और इससे देव समाज में भी प्रशासन और सरकार के प्रति रोष व्याप्त है।
गत रात्री ढालपुर मैदान में देवता के अस्थाई शिविरों में लगी आगजनी की घटना को लेकर उन्होंने बात की और कहा कि इस आगजनी की घटना में देवी देवताओं का सामान भी जलकर राख हो गया। वहीं कई देवी देवताओं के गहने भी आग की भेंट चढ़ गए। ऐसे में देवता के साथ आए हारियानों को भी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। खेमा दीपक ने जिला प्रशासन सरकार से मांग रखी कि जिन-जिन देवी देवताओं के वाद्य यंत्र जल गए हैं या फिर उनके गहनों को नुकसान पहुंचा है। उसकी भरपाई सरकार और दशहरा कमेटी से करनी चाहिए। इसके अलावा हर साल देवी देवताओं के बैठने के लिए स्थान भी पहले से ही चिन्हित किया जाना चाहिए। देवी देवताओं से ही जिला भर के देवी देवताओं से ही अंतर्राष्ट्रीय दशहरा उत्सव कल्लू की शान बरकरार है। और इस तरह से देवी देवताओं को ढालपुर मैदान से हटाना बिल्कुल गलत है।
अतः भविष्य में दशहरा उत्सव कमेटी को इस बात पर पहले ही निर्णय लेना चाहिए। ताकि देवता के साथ पैदल चलकर आए लोगो को ताकि फिर कभी भविष्य में देवी देवताओं के साथ आए लोगों को इस तरह की जिल्लत से दो चार न होना पड़े।