सोलन: सिम्फनी टेक बायोलॉजिक्स के सीईओ और बायोकॉन में रिसर्च एंड डेवलपमेंट के पूर्व प्रमुख, डॉ नरेंद्र चिरमुले ने आज कहा कि एचआईवी-एड्स वायरस का निवारक टीका विकसित करने के लिए बहुत सारे शोध हो रहे हैं और उम्मीद जताई कि यह जल्द ही विकसित हो जाएगा।
शूलिनी विश्वविद्यालय में सात दिवसीय डीएसटी-स्तुति ‘इनसाइट्स एंड हैंड्स-ऑन ट्रेनिंग प्रोग्राम ऑन टेक्निक्स इन बायोटेक्नोलॉजी’ के चौथे दिन अपने व्याख्यान में उन्होंने ये बात कही।
डॉ चिरमुले ने ‘एचआईवी के खिलाफ रोकथाम के टीके के विकास में चुनौतियां: पिछले चार दशकों से सीखे गए सबक’ विषय पर अपनी बात रखी। एक शोधकर्ता, शिक्षक और एक सलाहकार के रूप में इम्यूनोलॉजी में उन्हें तीन दशक का अनुभव है।
उन्होंने महामारी विज्ञान के इतिहास और पहचान की खोज, संक्रमण फैलने की प्रक्रिया, एचआईवी-एड्स वायरस के टीकों पर शोध की जानकारी दी।
उनके सत्र के बाद प्रो. दिनेश कुमार और डॉ रूपक नागरायक का प्रतिभागियों के साथ तकनीकी सत्र हुआ।
बायोइंजीनियरिंग और खाद्य प्रौद्योगिकी विभाग के प्रमुख प्रो दिनेश कुमार ने प्रतिबंध पाचन के मूल तत्वों और इसके प्रक्रियात्मक प्रोटोकॉल और व्याख्या पद्धति पर चर्चा के दौरान ‘रिस्ट्रिक्शन डाइजेशन ऑफ वेक्टर एंड इन्सर्ट एंड ट्रांसफॉर्मेशन ऑफ सेल्स’ विषय पर अपनी तकनीकी बात रखी।डॉ लोकेंद्र कुमार और डॉ विहांग की टीम ने सभी प्रतिभागी समूहों को पीसीआर उपकरण विवरण और उनके सवालों का समाधान करने के साथ-साथ कामकाज के बारे में जानकारी दी। टीम ने सुनिश्चित किया कि प्रत्येक प्रतिभागी को जेल इलेक्ट्रोफोरेसिस (जेल वैद्युतकणसंचलन) प्रक्रिया से निपटने का अनुभव मिले, साथ ही दस्तावेज़ीकरण के लिए जेल्डोक बैंड की जांच करे और समझ सके।