हिमाचल प्रदेश में पंचायतों और शहरी निकायों के चुनाव को लेकर राज्य चुनाव आयोग ने अहम अधिसूचना जारी की है। आयोग ने बताया कि प्रदेश में पंचायत राज संस्थाओं और शहरी स्थानीय निकायों का पांच साल का कार्यकाल जल्द खत्म होने वाला है, इसलिए अब चुनावी प्रक्रिया शुरू करने की तैयारी तेज हो गई है।
अधिसूचना के मुताबिक पंचायत राज संस्थाओं का कार्यकाल 31 जनवरी 2026 को समाप्त होगा, जबकि 50 शहरी स्थानीय निकायों का कार्यकाल 18 जनवरी 2026 तक पूरा हो जाएगा। इसके अलावा धर्मशाला, पालमपुर, मंडी और सोलन नगर निगमों का कार्यकाल अप्रैल 2026 में समाप्त होना है। पांच नगर पंचायतों—अंब, चिरगांव, कंडाघाट, नेरवा और निरमंड—का कार्यकाल भी अप्रैल 2026 में खत्म होगा।
राज्य चुनाव आयोग ने बताया कि पंचायतों, पंचायत समितियों, जिला परिषदों और 71 शहरी निकायों का डिलिमिटेशन पूरा कर लिया गया है और इन्हें अधिसूचित भी किया जा चुका है। अधिकांश पंचायतों और शहरी निकायों की मतदाता सूचियां भी तैयार हो चुकी हैं। कुछ बची हुई मतदाता सूचियां दिसंबर 2025 तक अंतिम रूप ले लेंगी।
इस अधिसूचना का सबसे बड़ा हिस्सा यह है कि आयोग ने मॉडल कोड ऑफ कंडक्ट की एक महत्वपूर्ण धारा तुरंत प्रभाव से लागू कर दी है। इस धारा के तहत अब चुनाव होने तक पंचायतों और शहरी निकायों की सीमाओं, संरचना या वर्गीकरण में कोई बदलाव नहीं किया जा सकता। इसका मतलब है कि अगले कुछ महीनों में न तो नए वार्ड बनाए जाएंगे, न ही किसी क्षेत्र की सीमाओं में फेरबदल होगा।
सुप्रीम कोर्ट ने भी अपने हालिया फैसले में कहा था कि स्थानीय निकाय चुनावों की प्रक्रिया कार्यकाल खत्म होने से छह महीने पहले शुरू की जानी चाहिए। आयोग ने उसी दिशा में कदम बढ़ाते हुए यह अधिसूचना जारी की है। राज्य चुनाव आयुक्त अनिल कुमार खाची ने सभी विभागों और अधिकारियों को निर्देश दिया है कि इस आदेश की कड़ाई से पालना सुनिश्चित की जाए।



