कहा देवनीति के नाम पर हो रही राजनीति
रेणुका गौतम, कुल्लू : “बिजली महादेव पूरी तरह से देवनीति को ध्यान में रखते हुए बनाया जा रहा है, इसमें किसी की भी देव आस्था से किसी भी प्रकार का खिलवाड़ नहीं किया जा रहा”, यह बात मणिकर्ण घाटी के तलपीणी पंचायत के प्रधान महेंद्र पुजारी द्वारा पत्रकार वार्ता में कहे। पत्रकारों को संबोधित करते हैं उन्होंने बताया कि आजकल बिजली महादेव रोपवे पर बेवजह का विरोध और हल्ला मचाया जा रहा है, जो किसी भी तरह से तर्कसंगत नहीं है।
उन्होंने कहा कि देवआस्था के प्रति सम्मान का ही नतीजा है कि पहले बिजली महादेव के रोपवे की लंबाई 3.2 किलोमीटर थी जो कि अब देव आस्था को ध्यान में रखते हुए 900 मी. घटा दी गई है। ताकि रोपवे के लिए बिजली महादेव की एक इंच भी जमीन का इस्तेमाल न हो सके। महेंद्र पुजारी ने यह भी कहा कि जिला भर में बहुत से गांव में देववाणी को बहुत अधिक महत्त्व दिया जाता है। लेकिन बहुत से ऐसे भी देवस्थान है, देवता की जमीन हैं, जहां पर लोगों ने नाजायज कब्जा कर रखा है, तो ऐसे कार्य करते समय किसी को देव आस्था का ख्याल क्यों नहीं आता।
महेंद्र सिंह पुजारी ने देववाणी की बात का सहारा लेकर बिजली महादेव रोपवे का विरोध करने वालों के खिलाफ एक और बात कही। उन्होंने कहा कि जब बिजली महादेव के क्षेत्र में टेलीकॉम टावर लगे थे, तब भी मणिकरणघाटी की तलपीणी पंचायत की आराध्य देवी मां भागासिद्ध द्वारा देववाणी के माध्यम से टावर नहीं लगाने की बार-बार बात कही गई, लेकिन वह टावर आज तक नहीं हटे। फिर तो किसी को देववाणी की इतनी अधिक फिक्र नहीं हुई। लेकिन हैरानी की बात है कि बिजली महादेव रोपवे के मुद्दे पर देववाणी का हवाला देते हुए बेवजह कुछ लोगों द्वारा बवाल मचाया जा रहा है। ऐसे लोग देवनीती से नहीं बल्कि राजनीति से प्रेरित होकर यह सब फसाद खड़ा कर रहें हैं।
जब उनसे यह पूछा गया कि कुछ लोगों को आपत्ति है कि धार्मिक स्थान को पर्यटन स्थल न बनाया जाए, इस विषय पर क्या कहना है ? तो उनका साफ तौर पर जवाब था कि 2023 में स्वयं बिजली महादेव मन्दिर कमेटी और मन्दिर के आसपास के क्षेत्र के लोगों द्वारा उपायुक्त से गुजारिश की गई थी कि जो रोपवे बनाया जा रहा है उसके विरोधी नहीं है। बल्कि कमेटी के सदस्यों को और कामगारों को रोपवे इस्तेमाल की मुफ्त व्यवस्था की जाए। अतः समय के साथ हर क्षेत्र का विकास जरूरी है।