Saturday, November 15, 2025
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वर्तमान पीढ़ी हेतु राष्ट्रीय अखंडता, राष्ट्र भक्ति का प्रेरणा स्त्रोत है वंदे मातरम् जैसी महान रचना : विपिन सिंह परमार

कहा वंदे मातरम् ने सभी स्वतंत्रतासैनानियों में जागृत किया था एकजुटता और समर्पण का भाव

रेणुका गौतम, कुल्लू : वंदे मातरम् रचना की 150वीं वर्षगांठ पर मंडी संसदीय क्षेत्र का कार्यक्रम जिला कुल्लू के अटल सदन में आयोजित किया गया। जिसमें कार्यक्रम के प्रदेश प्रभारी पूर्व मंत्री विपिन परमार, संसदीय क्षेत्र के प्रभारी राकेश जमवाल ने अपनी विशेष उपस्थिति दर्ज की। विपिन परमार ने कहा कि वंदे मातरम् जैसी महान रचना न केवल स्वतंत्रता सेनानियों को एकजुट किया था, बल्कि उनमें नई ऊर्जा का संचार भी किया था। जिसके कारण आज हम स्वतंत्र भारत में खुली हवा में सांस ले रहे हैं।

उन्होंने कहा कि वर्ष 1875 में बंकिमचंद्र चट्टोपाध्याय ने “वंदे मातरम्” की रचना की और 1896 में रवींद्र नाथ टैगोर ने इसका सार्वजनिक वाचन किया। और देखते ही देखते यह मां भारती के सपूतों के लिए मां के प्रति समर्पण का भाव बन गई। वंदे मातरम् केवल इन शब्दों को सुनते ही स्वतंत्रता सेनानी अपने प्राणों की परवाह किए बिना केवल राष्ट्र प्रथम के भाव को लेकर अपनी जान हथेली पर रख कर कुछ भी करने को तैयार हो जाते थे। केंद्र सरकार द्वारा इस महान रचना की 150वीं वर्षगांठ मनाने का निर्णय उन सभी स्वतंत्रता सेनानियों को श्रद्धांजलि है जिसके लिए पूरा भारत वर्ष केंद्र सरकार को धन्यवाद देता है। क्योंकि वंदे मातरम् केवल एक गीत नहीं अपितु अखंड भारत की आत्मा है। “वंदे मातरम्” ने क्रांतिकारियों के मनोबल को ऊँचा किया और बाल गंगाधर तिलक, लाला लाजपत राय, सुभाषचंद्र बोस और भगत सिंह जैसे महापुरुषों ने इसे अपने संघर्ष का मंत्र बनाया। इस रचना की अद्भुत शक्ति को देख कर ब्रिटिश शासन ने “वंदे मातरम्” इस नारे को प्रतिबंधित कर दिया, क्योंकि यह गीत उनके साम्राज्य की नींव हिलाने वाला बन गया था।

पूर्व मंत्री गोविंद ठाकुर ने संबोधित करते हुए कहा कि भारत वर्ष को आजाद करने में करोड़ों राष्ट्र भक्तों के बलिदान को कभी नहीं भूला जा सकता। और उनमें राष्ट्रप्रेम और राष्ट्रभक्ति को प्रवाहित करने वाली कालजई रचना वंदे मातरम् की 150 वीं वर्षगांठ के कार्यक्रम में शामिल होना ही अपने आप में गर्व और हर्ष का विषय है। उन्होंने कहा कि इस कार्यक्रम का आयोजन केवल आयोजन मात्र नहीं है, यह हर भारतीय के लिए राष्ट्र भक्ति, राष्ट्रीय समरसता और अखंड भारत की भावना को जगाने का संदेश है।

कुल्लू जिला अध्यक्ष अमित सूद ने अपने विचार रखते हुए कहा कि वंदे मातरम ऐसे शब्द जिनको सुनने मात्र से आज भी हर भारतीय का सीना गौरव से चौड़ा हो जाता है। और साधारण से साधारण व्यक्ति भी राष्ट्र भक्ति से ओत प्रोत होने लगता है, वंदे मातरम् एक ऐसी स्तुति जिसने आजादी के लिए संघर्ष करने वाले लगभग हर सेनानी को एकजुट किया और आजादी के लक्ष्य को प्राप्त करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। आज उस रचना की 150 वीं वर्षगांठ मनाने का शुभ अवसर हमें मिला है यह हमारे लिए गर्व का विषय है जिसका शब्दों में व्याख्यान करना संभव नहीं। यह वह रचना है जिसने स्वतंत्रता संग्राम की आत्मा को स्वर दिया।

इस मौके पर विधायक अनिल शर्मा, पूर्व सांसद महेश्वर सिंह, इंद्र गांधी, सुरेंद्र शौरी, लोकेंद्र कुमार, दिलीप ठाकुर, पूर्व मंत्री गोविंद ठाकुर, प्रदेश महामंत्री पायल वैद्य, प्रियंता शर्मा,युवराज बोध, रवि ठाकुर, नरोतम ठाकुर, अखिलेश कपूर, भीमसेन शर्मा, दानवेंद्र सिंह, धनेश्वरी ठाकुर सहित भारतीय जनता पार्टी मंडी संसदीय क्षेत्र के सभी पदाधिकारियों ने अपनी उपस्थिति दर्ज की।

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