शिमला: देश में मंकीपॉक्स के मामले लगातार बढ़ते जा रहें है अब तक चार केस सामने आ चुके है। हालांकि प्रदेश में मंकीपॉक्स का अभी कोई मामला सामने नहीं आया है, लेकिन सरकार ने सभी जिलों में इससे निपटने के लिए सोमवार को व्यवस्था कर दी गई है। अगर मंकीपाक्स के संक्रमण का कोई मामला आता है तो खून के नमूने जांच के लिए पुणे भेजे जाएंगे। जिला अस्पतालों में मंकीपॉक्स संक्रमितों के लिए अलग वार्ड की व्यवस्था की जाएगी। करीब एक माह पहले मनाली घूमने के बाद दिल्ली लौटे युवक ने अभी तक पूरी जानकारी नहीं दी है। यह व्यक्ति मनाली घूमने से पहले कहां कहां गया, यह अभी तक रहस्य ही है। सरकार केंद्र से संपर्क में है कि इसकी विस्तृत जानकारी मिले तो राज्य में इसके संपर्क में आए राज्य के लोगों की तेजी से पहचान की जा सके
प्रधान सचिव स्वास्थ्य सुभाशीष पंडा ने कहा कि मंकीपॉक्स के मामले को लेकर केंद्र से संपर्क में हैं। संक्रमित व्यक्ति किन लोगों के संपर्क में मनाली घूमने के समय आया है, इसके बारे में विस्तार से नहीं बता रहा है। जिलों को सचेत कर दिया है। यह व्यक्ति किन लोगों के संपर्क में कहां-कहां आया है। यह पता लगाने के लिए स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों को भी कहा गया है। जिलों के अस्पतालों में मंकीपॉक्स संक्रमितों के लिए अलग से वार्ड तैयार रखने को कहा गया है। जांच के लिए नमूने पुणे भेजने की व्यवस्था रहेगी।
दिल्ली लौटे व्यक्ति में मंकीपॉक्स के लक्षण आने के बाद आईजीएमसी प्रबंधन सतर्क हो गया है। सोमवार को अस्पताल के प्रशासनिक अधिकारी डॉ. राहुल गुप्ता ने बीमारी के लक्षणाें व उससे बचाव को लेकर नर्सिंग अधीक्षक और मेट्रन के साथ बैठक की। बताया कि अगर बुखार, सिरदर्द, बदन दर्द और रेशेज के मरीज अस्पतालों में आते हैं तो वे लोग भी सतर्क रहें। यह बीमारी एक से दूसरे में फैलती है। हालांकि, डॉ. राहुल गुप्ता ने यह भी बताया कि मंकीपॉक्स की बीमारी में स्मॉलपॉक्स की वैक्सीन अस्सी फीसदी तक कारगर है। इस अवसर पर अन्य पदाधिकारी भी मौजूद रहे।