शिमला -करीब अढाई महीने बीत जाने के बाद भी शिमला जिला के ट्रहाई गांव की हरिजन जाति से संबध रखने वाली 90 वर्षीय वृद्धा मेंहदी देवी की रहस्यमयी मौत की गुत्थी नहीं सुलझ पाई है। इस बारे गांव के लोगों का डेपुटेशन गत 6 जनवरी को मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर और पुलिस महानिदेशक एसआर मरड़ी से भी मिला था और बुढ़िया मेंहदी की रहस्यमयी मौत की गहनता से जांच किए जाने बारे मांग की गई थी। डीजीपी एसआर मरड़ी द्वारा शिमला पुलिस को शीघ्र जांच करने के आदेश भी दिए गए थे परंतु ढली व जुन्गा पुलिस अपराधियों को गत अढाई महीने से पकड़ने में नाकाम रही है ।
ट्रहाई गांव के भाजपा बूथ अध्यक्ष प्रीतम ठाकुर, भगत चंद आन्नद, मनोहर सिंह जेलदार, पूर्व प्रधान बालक राम निर्मोही, रामसरन, बाला राम, वीरेन्द्र कुमार , महिला मंडल प्रधान शशिकांता शर्मा सहित अनेक गांववासियों ने हैरानी प्रकट करते हुए कहा कि पुलिस द्वारा संशय के आधार पर भी किसी व्यक्ति से पूछताछ नहीं की गई है और ढली पुलिस द्वारा पोस्टमार्टम की रिर्पोट न मिलने बारे गत अढाई माह से राग अलापा जा रहा है और अपने वरिष्ठ अधिकारियों को गलत सूचना देकर गुमराह किया जा रहा है । लोगों का कहना है कि जो बुढ़िया दिन में भी बिना ऐनक के अंदर बाहर चलने में असमर्थ थी आखिर वह सर्दी के मौसम में छः दिनों तक बाहर कहां रही और सातवें दिन घर के समीप खेत में कैसे पहंूच गई जबकि बुढ़िया की ऐनक और लाठी 15 नवंबर को बिस्तर पर पाई गई थी ।
स्थानीय लोगों का कहना है कि मौके पर मिले बुढ़िया मेंहदी के मौत के साक्ष्य से बिल्कुल स्पष्ट है कि बुढ़िया की किसी शरारती तत्वों द्वारा हत्या की गई है क्योंकि अगर बुढ़िया रात को शौच इत्यादि के लिए बाहर निकलती तो वह निश्चित रूप में वहीं गिरी पड़ी होती और उनके गायब होने का प्रश्न ही पैदा नहीं हो सकता हैं।
बुढ़िया मेंहदी के दतक पुत्र नरायण सिंह का कहना है कि जिस खेत में बुढ़िया का शव मिला था उस खेत की उनके द्वारा एक दिन पहले फसल लगाने के लिए सिंचाई की गई थी तब वहां पर बुढ़िया का शव नहीं था और अगले दिन सुबह वहीं पर बुढ़िया की लाश मिली । मेंहदी के भतीजे सुरेन्द्र का कहना है कि उनकी वृद्ध बुआ मेंहदी की हत्या हुई है और उनके द्वारा सीएम हैल्पलाईन पर भी पुलिस द्वारा कोई कार्यवाही न किए जाने बारे शिकायत की गई थी परंतु कोई संतोषजनक जवाब नहीं मिला । इसके अतिरिक्त वह ट्रहाई गांव के लोगों के साथ मुख्यमंत्री और डीजीपी से भी मिले और इनके द्वारा भी बुढ़िया मामले की गंभीरता से जांच करवाने का आश्वासन दिया गया था परंतु अढाई महीने बीत जाने के बाद पुलिस द्वारा कोई कार्यवाही नहीं की गई । ट्रहाई गांव के लोगों का कहना है कि ऐसा प्रतीत होता है कि अपराधियों द्वारा पुलिस पर राजनैतिक दबाव डाला जा रहा है जिस कारण पुलिस अपराधियों को पकड़ने में नाकाम साबित हो रही है ।
बता दें कि गत 15 नवंबर की रात्रि को बुढ़िया मेंहदी अपने कमरे से गायब हो गई थी और 22 नंवबर को अक्समात अपने घर के समीप खेत में मेंहदी का शव मिला था ।
भाजपा बूथ अध्यक्ष प्रीतम ठाकुर और भगत चंद आन्नद ने बताया कि एसपी शिमला द्वारा डीसी शिमला को दिए गए जवाब की प्रति उन्हें मिली है जिसमें एसपी शिमला ने फोरेंसिक लैब जुन्गा से रिर्पोट न आने बारे लिखा गया है । इनका कहना है कि आखिर अनुसूचितजाति की इस बुढ़िया को कब न्याय मिलेगा और लैब से रिर्पोट मिलने में यदि महीनों लग जाएंगे तो गरीब लाचार व्यक्ति को कभी भी समय पर न्याय नहीं मिल पाएगा । इनका यह भी कहना है कि पुलिस शक के आधार पर छानबीन कर सकती थी और संदिग्ध व्यक्तियों से पूछताछ कर सकती थी परंतु खेद का विषय है कि हरिजन जाति से संबध रखने वाली संतानहीन बुढ़िया की मौत एक पहेली बन गई है और गांव के सभी बुजुर्ग अपने आप को असुरक्षित महसूस कर रहे है ।
अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक शिमला परबीर ठाकुर से जब फोन पर इस बारे बात की गई तो उन्होने बताया कि मेंहदी की मौत की जांच चल रही है ।