शिमला, कांग्रेस अध्यक्ष कुलदीप सिंह राठौर ने प्रदेश सरकार पर फिजूलखर्ची का आरोप लगाते हुए कहा है कि कोरोना काल मे किसी को भी कोई राहत सरकार ने नही दी है।उन्होंने कहा है कि उल्टे लोगों पर टैक्स,मंहगाई और बिजली,पानी,बस किराए बढ़ा कर लोगों पर दोहरी मार मारी जा रही है।
कांग्रेस मुख्यालय राजीव भवन में एक पत्रकार सम्मेलन को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि एक तरफ सरकार कर्ज पर कर्ज ले रही है दूसरी तरफ सरकारी धन से अय्याशी कर रही है।अधिकारियों को ताश के पत्तो की तरह फांटा जा रहा है।उन्होंने कहा कि अधिकारियों के बार बार तबादलों से उनके मनोबल पर विपरीत असर पड़ रहा है।
राठौर ने कहा कि कोविड 19 से उभरने के लिए मुख्यमंत्री के पास कोई योजना नही है।उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने इस विपदा से उभरने के लिये अपनी पांच सदस्यीय विशेषज्ञ समिति का गठन कर कई उपयोगी सुझाव मुख्यमंत्री को दिए थे पर लगता है कि वह सब उन्होंने कही रद्दी की टोकरी में फेंक दिए है।उन्होंने कहा कि सरकार इन समस्याओं से निपटने में कतई गंभीर नही है।उन्होंने कहा कि सरकार के पास बेरोजगारी तक के आंकड़े नही है।
राठौर ने कहा कि कोरोना काल मे प्रदेश में कितने उद्योग बन्द हुए और इनसे कितने बेरोजगार हुए इसकी भी कोई पुख्ता जानकारी सरकार के पास नही है।उन्होंने सरकार से मांग की की वह एक ऐसे आयोग की स्थापना करें जिससे बंद पड़े उद्योगों को पुनर्जीवित करने और बेरोजगारी दूर करने के सार्थक प्रयास हो सकें।
राठौर ने कहा कि भाजपा के नेता प्रधानमंत्री के आर्थिक पैकेज की बडी बडी बाते करते है पर उन्होंने पूछा कि हिमाचल को इससे क्या मिला और इसे कहा खर्च किया गया।उन्होंने कहा कि सत्ता रूढ़ पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष प्रदेश से है।इसके अलावा केंद्रीय वित्त राज्य मंत्री भी प्रदेश से है।उन्होंने कहा कि उन्हें उम्मीद थी कि प्रधानमंत्री मनाली दौरे के दौरान कुछ विशेष प्रदेश को देते पर ऐसा कुछ नही हुआ।उन्होंने कहा कि न तो यह दोनों नेता प्रदेशहीत की पैरवी सही ढंग से कर सके और न ही मुख्यमंत्री अपना पक्ष रख सकें।
राठौर ने पिछले दो दिनों से प्रदेश कांग्रेस कमेटी की बैठकों की जानकारी देते हुए बताया कि सभी पदाधिकारियों को संगठन का काम सौंपा जा चुका है।इसके लिए उन्हें उचित दिशा निर्देश दिए गए है।उन्होंने कहा कि सभी पदाधिकारियों को जन समस्याओं को प्रमुखता से उठाने की हिदायत दी गई है।
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