Saturday, November 23, 2024
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हिमाचल को सम्मान.. प्रदेश के दो शिक्षक होंगे सर्वोच्च शिक्षक सम्मान से सम्मानित

शिमला: हिमाचल प्रदेश को बहुत बड़ी उपलब्धि हासिल हुई है। शिक्षा के क्षेत्र में हिमाचल हमेशा नए मुकाम हासिल करता है। प्रदेश के दो शिक्षक देश के सर्वोच्च शिक्षक सम्मान से सम्मानित होंगे. शिमला के सीनियर सेकेंडरी स्कूल में तैनात टीजीटी आर्ट्स के पद पर कार्यरत वीरेंद्र कुमार और चंबा जिले में प्राथमिक पाठशाला अनोगा में तैनात  जेबीटी शिक्षक युद्धवीर राष्ट्रीय पुरस्कार से सम्मानित होंगे. बच्चों को खेल-खेल में पढ़ाने के साथ साथ शिक्षा में इनोवेशन के लिए जाने जाने वाले इन शिक्षकों को 5 सितंबर में नई दिल्ली में राष्ट्रपति द्रोपदी मुर्म राष्ट्रीय पुरस्कार से सम्मानित करेंगी. देशभर में 46 शिक्षक राष्ट्रीय पुरस्कार से सम्मानित होंगे.

वीरेंद्र कुमार ने ये पुरस्कार अपने पिता को ये सम्मान समर्पित किया है. उनके पिता भी शिक्षक थे. शिमला से सुन्नी के संदोआ गांव से संबंध रखने वाले वीरेंद्र कुमार 22 वर्षों से शिक्षक के रूप में सेवाएं दे रहे हैं. लॉकडाउन का अच्छा इस्तेमाल करते हुए वीरेंद्र देश-विदेश के करीब 1 लाख से ज्यादा छात्रों और शिक्षकों की लिखावट में सुधार ला चुके हैं. उनके तैयार किए छात्र और शिक्षक मास्टर ट्रेनर बच्चों को सिखा रहे हैं. वीरेंद्र 17 वर्ष तक जेबीटी रहे और बीते पांच साल से टीजीटी आर्टस हैं.
वीरेंद्र कुमार पहले ऐसे प्राइमरी टीचर हैं जिन्होंने शिक्षण शास्त्र पर किताब लिखी है, वे अब तक चार किताबें लिख चुके हैं. रोचक तरीके से पढ़ाने और नए नए प्रयोगों से बच्चों की सीखने की क्षमता को बढ़ाते हैं. वीरेंद्र जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान में भी कार्यरत रहे हैं. वीरेंद्र कुमार एक उत्कृष्ट शिक्षक हैं, साल 2015 में राज्य स्तरीय शिक्षक पुरस्कार से सम्मानित हैं. शिक्षक के साथ साथ वीरेंद्र लेखक भी हैं बेहतरीन पेंटर और स्केच आर्टिस्ट भी हैं. प्रदेश और राष्ट्रीय स्तर पर कई सम्मेलनों में हिस्सा ले चुके हैं और अपनी प्रतिभा का लोहा मनवाया है. वर्तमान में वीरेंद्र ने छात्रों और शिक्षकों की हैंडराइटिंग में सुधारने बीड़ा उठाया है. वीरेंद्र इसे राष्ट्रीय स्तर की मुहिम बनाना चाहते हैं, ये समस्या न केवल शिमला, हिमाचल तक सीमित नहीं है बल्कि पूरे देश में ये समस्या है, इस समस्या को दूर करना बेहद जरूरी है. उन्होंने कहा कि इस बाबत एनसीईआरटी  के निदेशक को भी पत्र लिखा है. वीरेंद्र अब अपने स्कूल के गरीब बच्चों की पढ़ाई की मदद के लिए अपने स्तर पर छात्रवृति शुरू करना चाहते हैं. अपने सहपाठियों की मदद से ये छात्रवृति शुरू की जाएगी.

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