देश मे सबसे अधिक कर्ज लेने वाले 5 राज्यों में हिमाचल शामिल हुए हैं। हिमाचल प्रदेश कर्ज इतना ज्यादा बढ़ गया है कि हर व्यक्ति 1 लाख 2 हजार 818 रुपए के कर्ज के बोझ तले दबा हुआ है। मानसून सत्र के चौथे दिन उप मुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री ने राज्य की वित्तीय स्थिति पर वक्तव्य दिया। प्रदेश में कांग्रेस सरकार को सत्ता संभालने के साथ 92,774 करोड की देनदारियां विरासत में मिली। 31 मार्च 2023 तक प्रदेश पर कर्जे का बोझ बढकर 76,631 करोड़ तक पहुंच गया है। उन्होंने कहा कि पूर्व भाजपा सरकार ने चुनावी वर्ष में 16261 करोड रुपए का कर्ज लिया। कर्ज की राशि को प्रदेश के विकास के लिए नहीं बल्कि चुनाव जीतने के लिए खर्च किया गया। अमृत महोत्सव समारोहों पर 7 करोड रुपए खर्च किए हैं। रैलियों के लिए इस्तेमाल के लिए हिमाचल प्रदेश पथ परिवहन निगम की बसों की देनदारियां 8.50 करोड़ अभी भी लंबित है।
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