मंडी: भारतीय जनता पार्टी के पूर्व प्रदेश मीडिया प्रमुख व प्रदेश सचिव प्रवीण कुमार शर्मा ने आज पत्रकार वार्ता में विधायक अनिल शर्मा को घेरते हुए कहा की विधायक की निष्क्रियता और अहम के चलते सदर विधानसभा क्षेत्र के विकास की गति धीमी पड़ चुकी है उनके 4 वर्षों का कार्यकाल सिर्फ मैं, मेरा परिवार, और मेरे हित की राजनीति तक ही सीमित होकर रह गया है व्यक्तिगत स्वार्थ की उनकी इस राजनीति के कारण मंडी की जनता को खामियाजा भुगतना पड़ रहा है.
प्रवीण कुमार ने कहा कि अपने इस कार्यकाल में सदर विधायक पूरी तरह से असफल साबित हुए हैं और अब अपनी असफलता को छुपाने के लिए वह एक कामचोर बच्चे की तरह बहाने बना रहे हैं कभी उनकी बात को अफसर नहीं सुनते तो कभी सरकार नहीं सुन रही है जबकि वास्तविकता यह है कि पूर्व कांग्रेस सरकार में भी मंत्री रहने के दौरान वह तत्कालीन मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह को कोसते रहे और वर्तमान सरकार में महत्वपूर्ण विभाग के मंत्री रहने के दौरान भी वह कभी सरकार से तालमेल नहीं बिठा पाए. उन्होंने हमेशा जनता के हितों पर व्यक्तिगत स्वार्थ और परिवार के स्वार्थ को ही अहमियत दी है.
प्रवीण कुमार ने कहा कि अनिल कुमार शर्मा 68 विधानसभा क्षेत्रों में सबसे फिसड्डी और निष्क्रिय विधायकों में से एक हैं सार्वजनिक मंचों पर घड़ियाली आंसू बहाने को छोड़ दिया जाए तो उन्होंने मंडी की विकास की बात कभी भी उन मंचो पर नहीं की जो एक विधायक होने के नाते उनके पास उपलब्ध थे अनिल शर्मा ने कभी भी विधानसभा में मंडी के विकास को लेकर ना चर्चा की और ना ही कोई प्रश्न किए और ना ही कभी योजना आयोग जैसी संस्थाओं के समक्ष मंडी के हितों की पैरवी की. विधायक के व्यक्तिगत अहम के चलते उनकी हमेशा मुख्यमंत्रियों के के साथ अनबन रही है. जिसका खामियाजा आज मंडी को भुगतना पड़ रहा है.
प्रवीण कुमार ने कहा कि एक मंत्री के रूप में अनिल शर्मा मंडी के लिए कुछ नहीं कर पाए और विधायक होने के नाते जो विधायक निधि उन्हें मिलती रही है उसका भी वह दुरुपयोग करते हुएअपने चहेतों को बांटते रहे है . अनिल शर्मा को चाहिए वह अपनी विधायक निधि की बंदरबांट का श्वेत पत्र जारी करें जिससे दूध का दूध और पानी का पानी हो सके. प्रवीण कुमार ने कहा के रूप में अनिल शर्मा का यह कार्यकाल निल बटा निल ही रहा है. ऐसे में जब वह सार्वजनिक रूप से अपनी सभाओं में यह स्वीकार कर रहे हैं कि सरकार सहित अधिकारी उनकी नहीं सुनते हैं तो विधायक पद पर बने रहने का उनका कोई अधिकार नहीं रह गया है ऐसे में मंडी की जनता पर रहम करते हुए उन्हें अपने पद से तुरंत त्यागपत्र पत्र दे देना चाहिए.
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