Sunday, September 8, 2024
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प्रसिद्ध लोक गायक ए.सी. भारद्वाज ने लोकगीतों के माध्यम से एपीजी शिमला विश्वविद्यालय के छात्रों को कोरोना से लड़ने का दिया संदेश


शिमला, : ये वक़्त न ठहरा है, ये वक़्त न ठहरेगा क्योंकि ये गुजर जाएगा घबराना कैसा, हिम्मत से काम लेंगे, घबराना कैसा। सोमवार को एपीजी शिमला विश्वव द्वारा आयोजित स्टार-इवनिंग में चतुर्थ नए-पुराने छात्रों के वर्चुअल ओरिटीएशन कार्यक्रम के दौरान हिमाचल प्रदेश के प्रसिद्ध लोक गायक ए. सी. भारद्वाज ने अपने सुरीले पहाडी गीतों के माध्यम से एपीजी शिमला विश्वविद्यालय छात्रों को हिमाचली संस्कृति व गीतों से रूबरू करते हुए कुछ ऐसा संदेश दिया कि चाहे कितने ही कोरोना आ जाए बस हमें खुश रहना है और संकटों से लड़कर जिंदगी के हर मोर्चे पर जीतना है। ए. सी.भारद्वाज ने गीत-संगीत के माध्यम से छात्रों को संबोधित करते हुए कहा कि अगर हिम्मत से काम लें तो अच्छी शिक्षा के बल पर जीवन की बड़ी से बड़ी जंग को आसानी से जीता जा सकता है। एपीजी शिमला विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. डॉ. रमेश कुमार चौधरी ने गायक ए. सी. भारद्वाज और उनकी टीम का हिमाचली शॉल और टोपी पहनाकर स्वागत किया और स्मृति चिन्ह भी भेंट किया। एपीजी शिमला विश्वविद्यालय के हज़ारों नए-पुराने छात्रों ने पढ़ाई को विराम देते हुए ए. सी. भारद्वाज के मीठे-मीठे तरानों का लूथप उठाया। कुलपति प्रो. रमेश कुमार चौधरी ने छात्रों को संबोधित करते हुए कहा कि कोरोना के चलते शिक्षा ने अपना प्लेटफॉर्म बदला है। पहले जहाँ शिक्षा श्यामपट्ट, कॉपी-पुस्तकों तक सीमित थी आज वह मोबाइल फोन, टैब, लैपटॉप, कंप्यूटर के जरिए जहाँ-तहाँ पहुँच रही है और अब गीत-संगीत भी वर्चुअल हो गया है, कुछ शब्द जो कोरोना से पूर्व हमारे लिए मायने नहीं रखते थे आज वही सर्वस्व बन चुके हैं। कुलपति चौधरी ने कहा कि निश्चित तौर पर निकट भविष्य में भी इन्हीं का वर्चस्व रहेगा। चौधरी ने ये भी कहा कि अब समय बदल गया है और जो टेक्नोलॉजी के साथ नहीं चलता वह हर जगह पिछड़ जाता है। प्रो. चौधरी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के डिजिटल इंडिया अभियान और आत्मनिर्भर भारत का जो सपना देखा है उसे पूरा करने के लिए हमें युवा शक्ति को एडवांस्ड टेक्नोलॉजी से जोड़ना होगा। कुलपति चौधरी ने भारत सरकार की नई शिक्षा नीति में इस तरह के वर्चुअल सिस्टम को शामिल करने पर एक शानदार कदम बताया। कुलपति चौधरी ने खासकर नए छात्रों को अवगत करवाया कि एपीजी शिमला विश्वविद्यालय इस कोरोना काल में अपनी डिजिटल टेक्नोलॉजी, वर्चुअल क्लास से लेकर ऑनलाइन परीक्षाएँ सफल तरीके से आयोजित करवाने में इंडियन एसोसिएशन ऑफ इंडियन यूनिवर्सिटीज की ओर से सबसे बेहतर विश्वविद्यालय आँका है जिसने डिजिटल टेक्नोलॉजी के माध्यम से छात्रों की पढ़ाई को जारी रखा और पढ़ाई को बाधित नहीं होने दिया। उन्होंने कहा कि बेशक वर्चुअल शिक्षा कई बार तनाव भी बढ़ाती है परन्तु इसे छात्र अपने ऊपर हावी न होने दें, छात्र संतुलित भोजन करें, योग करें, प्रकृति को निहारें, प्रातःकाल की सैर, शांत रहना, अच्छी पुस्तकें पढ़ना, कसरत करना और समय पर सोना व उठने से तनाव को दूर किया जा सकता है। कुलपति ने कहा कि मधुर संगीत सुनना एक प्रकार से तनाव को दूर करता है और एक प्रकार से थैरेपी का काम करता है। इस छात्र-ओरिटीएशन की स्टार इवनिंग कार्यक्रम के दौरान एपीजी शिमला विश्वविद्यालय के शिक्षक, डीन प्रो. रमेश चौहान पत्रकारिता विभाग, डीन एकेडेमिक्स प्रो. कुलदीप कुमार, डॉ.अंजलि शर्मा विभागाध्यक्ष इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग, कल्पना विभागध्यक्ष फैशन डिजाइनिंग, डीन प्रो.आनंद मोहन , डीन डॉ. नील सिंह, डीन डॉ. सुनील ठाकुर ने लाइव वर्चुअल छात्र ओरिटीएशन कार्यक्रम के दौरान उपस्थित रहे।

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