रजनीश शर्मा
हमीरपुर: हमीरपुर नगर के लोगों को लगातार दूसरे वर्ष दशहरा उत्सव देखने को नहीं मिलेगा। इसके लिए उन्हें नगर से दूर समताना , सुजानपुर या नादौन का रूख करना पड़ेगा । हमीरपुर नगर में दशहरा उत्सव न होने से लोगों की आस्था को ठेस पहुंची है। लोगों में इसके प्रति गहरा रोष व्याप्त है। ग़ौरतलब है कि जबतक नगरपरिषद के उपाध्यक्ष एवं दशहरा उत्सव कमेटी के कर्णधार दीप कुमार बजाज सक्रिय रहे , हमीरपुर नगर का दशहरा उत्सव भी बुलंदियों पर रहा। पिछले वर्ष से उनके अस्वस्थ होते ही दशहरा उत्सव भी फीका पड़ गया तथा इस वर्ष भी हमीरपुर नगर में दशहरा नहीं मनाया जाएगा।
आपको बता दें कि हर साल दशहरा उत्सव सीनियर सेकेंडरी बाल स्कूल के खेल मैदान में धूमधाम से मनाते रहे हैं और रावण कुंभकर्ण एवं मेघनाथ के पुतले भी जलते रहे । दशहरा कार्यक्रम में हज़ारों लोग शामिल होते रहे हैं। पिछले दो साल से हमीरपुर नगर में दशहरा के मौके पर पुतले का दहन नहीं किए जाने से दशहरा पर्व की रौनक फीकी हो रही है । ऐसा पिछले 15 वर्ष के इतिहास में लगातार दूसरी बार हो रहा है। पिछली बार तो दुकानदारों ने अपना रोष व्यक्त करते हुए कहा था कि हाईकोर्ट ने हमीर उत्सव के लिए तो अनुमति दे दी, लेकिन दशहरा के लिए अनुमति नहीं दी जो बड़े ही दुख की बात थी। इस बार हाईकोर्ट से केवल रामलीला के लिए ही स्कूल ग्राउंड का एक कोना प्रयोग करने की अनुमति मिल पाई है।
गौरतलब है कि माननीय हाईकोर्ट के निर्णय के अनुसार शैक्षणिक संस्थानों के खेल मैदान में अन्य गतिविधियों पर पूर्णतया रोक लगाई है, जिस कारण इस बार भी लगातार दूसरे वर्ष दशहरा पर्व के कार्यक्रम का आयोजन नहीं हो पाएगा।
इस बारे में नगरपरिषद हमीरपुर के उपाध्यक्ष तथा दशहरा मेला अयोजन कमेटी के प्रमुख कर्णधार रहे दीप कुमार बजाज का कहना है कि नगर में व्यापारी एवं शहरवासी मिलकर पिछले 15 वर्षों से लगातार दशहरा उत्सव एवं पुतला दहन करते आए हैं। उन्होंने कहा कि दो वर्षों से यह परंपरा टूटी है । उन्होंने कहा कि नगरवासियों को इस परंपरा को चलाने के लिए आगे आना चाहिए ताकि नयी पीढ़ी का रुझान हिंदू संस्कारों , पर्वों एवं त्योहारों को मनाने के प्रति बरक़रार रहे। दीपकुमार बजाज के अनुसार जबतक वह सक्रिय रहे यह परंपरा टूटने नहीं दी लेकिन परम्परा टूटते देख उन्हें भी दुःख हुआ है।