रेणुका गौतम
मार्शल आर्ट खेल जी-जुत्सू में राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर अपनी अलग पहचान बना चुके कुल्लू जिले के युवा देवेश ठाकुर ने एक बार फिर अपनी प्रतिभा का लोहा मनवाया है। बीते दिनों हुए राष्ट्रीय स्तर के टूर्नामेंट बेंगलूर ओपन में देवेश ने जी-जुत्सू के अलग-अलग वर्गों में चार गोल्ड मैडल जीतकर हिमाचल प्रदेश का नाम रोशन किया है।
उन्होंने ये गोल्ड मैडल गी-मिडलवेट, नो-गी मिडलवेट और गी, नो-गी एबसोल्यूट वर्गों में हासिल किए हैं। देवेश कुमार ने बताया कि इस टूर्नामेंट में देश के विभिन्न राज्यों से बड़ी संख्या में जी-जुत्सू खिलाड़ियों ने भाग लिया।
जी-जुत्सू में ब्ल्यू बैल्ट धारक देवेश ठाकुर मूल रूप से कुल्लू जिले की लगघाटी के निवासी हैं और बेंगलूरू में जी-जुत्सू का प्रशिक्षण ले रहे हैं। वह अन्य युवाओं को भी प्रशिक्षित कर रहे हैं। उनके माता-पिता कुल्लू शहर के निकट बदाह में रहते हैं। पिता डा. बलदेव ठाकुर जाने-माने आॅरथो सर्जन हैं तथा हिमाचल प्रदेश स्वास्थ्य विभाग के निदेशक पद से सेवानिवृत्त हुए हैं, जबकि माता शशि ठाकुर भी सेवानिवृत्त एचएएस अधिकारी हैं। देवेश के दादा स्वर्गीय मौलू राम ठाकुर भाषा, कला और संस्कृति विभाग के उपनिदेशक और हिमाचल प्रदेश के जाने-माने लोक साहित्यकार थे।
देवेश ठाकुर आईआईटी का दर्जा प्राप्त बिड़ला इंस्टीट्यूट आॅफ टैक्नोलाॅजी पिलानी से इंजीनियरिंग डिग्रीधारक हैं। वह बचपन से ही फिजिकल फिटनेस को लेकर बहुत ही सजग रहे हैं और खेलों में भाग बढ़-चढ़कर भाग लेते रहे हैं। बिड़ला इंस्टीट्यूट आॅफ टैक्नोलाॅजी जैसे प्रतिष्ठित संस्थान से इंजीनियरिंग की डिग्री प्राप्त करने के बाद उन्हें एक बहुत बड़े पैकेज पर प्लेसमेंट मिली, लेकिन उन्होंने काॅरपोरेट सैक्टर के बजाय जी-जुत्सू को चुना और उसमें अलग पहचान बनाई।