हमीरपुर: गर्म आबोहवा वाले जिला हमीरपुर में प्रगतिशील किसान ने केसर की खेती कर किसानों को आर्थिकी सुदृढ़ करने की नई राह दिखाई है। उपमंडल बड़सर के बडितर गांव निवासी किसान सुभाष ने अपने दम पर करीब 30 हजार खर्च करके केसर की खेती की और इससे करीब साढ़े तीन लाख रुपये कमाए हैं। आमतौर पर केसर की खेती ठंडे और बर्फीले इलाकों में होती है। केसर के लिए जम्मू-कश्मीर की जलवायु सबसे उपयुक्त मानी जाती रही है, मगर गर्म जलवायु वाले हमीरपुर जिले में उन्होंने केसर की खेती करके कृषि विभाग को भी सोचने पर मजबूर कर दिया है। लोगों का कहना है कि अगर कृषि विभाग के विशेषज्ञ मृदा और जलवायु जांच समेत जरूरी रिसर्च करें तो जिले के और किसानों के लिए भी केसर आर्थिकी का प्रमुख साधन साबित हो सकता है। किसान सुभाष ने बताया कि उन्होंने पिछले साल केसर का आधा किलो बीज करीब 30 हजार रुपये में खरीदा था। जब इससे फसल तैयार हुई तो उन्होंने इससे करीब साढ़े तीन लाख रुपये कमाए हैं। इससे प्रोत्साहित होकर अब उन्होंने दो कनाल भूमि में इसकी पैदावार की है। यह खेती सर्दियों के मौसम में होती है। केसर की मांग तो इतनी ज्यादा है कि लोग घरद्वार से ही खरीद कर ले जाते हैं। केसर का सेवन औषधि के रूप में भी किया जाता है।
इसके लिए कृषि विभाग ने उनका कोई ज्यादा सहयोग नहीं किया। खुद ही वित्तीय जोखिम लेकर यह ट्रायल सफल साबित करके दिखाया है। इस बारे में विकास खंड बिझड़ी के कृषि प्रसार अधिकारी हेमराज शर्मा ने बताया कि विभाग इन किसानों की यथासंभव मदद करेगा। इनको सब्सिडी पर स्प्रे पंप और दवाइयां दी जाएंगी।
केसर के फायदे
स्किन की खूबसूरती से लेकर शरीर की कई तरह की परेशानी को दूर करने में केसर लाभकारी माना जाता है। केसर की तासीर गर्म होती है, इसलिए कई एक्सपर्ट सर्दियों में केसर का सेवन करने की सलाह देते हैं। केसर में कई तरह के पोषक तत्व पाए जाते हैं, जिसमें आयरन, कैल्शियम, मैग्नीशियम, फास्फोरस, थायमिन, फोलेट इत्यादि प्रमुख हैं।