कांग्रेस गिनवाए अपने काम, बीजेपी काम के दम पर जनता के बीच
भाजपा एक परिवार, सभी रूठों को मनाएंगे
मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने कहा है कि जनता को गुमराह करने की जगह कांग्रेस अपने काम गिनवाए। कांग्रेस लंबे समय तक हिमाचल में सत्ता में रही है, लेकिन आज वो एक भी ऐसी योजना नहीं गिनवा पा रहे जो उन्होंने आम जनता के लिए शुरू की हो। यही वजह है कि अब कांग्रेस जनता को गुमराह करने के लिए ऐसे-ऐसे एलान कर रही है जो व्यवहारिकता से परे हैं। आज हमारी डबल इंजन सरकार में केंद्र सरकार की आयुष्मान भारत और उज्ज्वला योजना राज्य सरकार की हिमकेयर, गृहिणी सुविधा योजना, सहारा और स्वावलंबन योजना शामिल है। स्वास्थ्य के क्षेत्र में आयुष्मान, हिमकेयर और सहारा जैसी योजनाएं क्रांतिकारी साबित रही हैं। वर्तमान सरकार की 7 ऐसी योजनाएं हैं जो पहली बार शुरू की गईं और इनका लाभ भी हिमाचल के बड़े वर्ग को मिला। पहली बार शुरु की गई इन 7 योजनाओं का लाभ करीब 10 लाख से अधिक लोगों को मिल चुका है। इन योजनाओं पर केंद्र और हिमाचल सरकार 919 करोड़ रुपये से ज्यादा खर्च कर चुकी है। क्या कांग्रेस सरकार के पास ऐसी कोई योजनाएं हैं जिन्हें वो गिनवा सकें।
29 तक रूठे नेताओं को मना लेंगे : जयराम ठाकुर
मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने कहा कि पार्टी से टिकट नहीं मिलने से खफा नेताओं को 29 तारीख तक मना लिया जाएगा और वो भाजपा की ओर से तय प्रत्याशियों के पक्ष में काम करेंगे। मुख्यमंत्री ने कहा कि चुनाव के दौरान बहुत सारे कार्यकर्ताओं की इच्छा होती है कि टिकट उन्हें मिले। लेकिन हमारी पार्टी में एक स्थापित व्यवस्था है। पार्टी का केंद्रीय नेतृत्व प्रदेश के नेतृत्व के साथ चर्चा के बाद ही टिकटों को लेकर अंतिम निर्णय करता है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि अबकी बार भी हिमाचल प्रदेश में जो निर्णय हुए हैं वो केंद्रीय नेतृत्व के साथ चर्चा करने के बाद ही फाइनल हुए हैं। जिन लोगों को पार्टी की ओर से टिकट मिली है उन सभी लोगों ने नोमिनेशन फाइल कर दिए हैं। इसके अलावा कुछ साथियों ने निर्दलीय रूप से भी नोमिनेशन फाइल किए हैं। हम उन सभी के साथ संपर्क में हैं और बातचीत कर रहे हैं और बहुत जगहों पर हम सफल भी हुए हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि मुझे उम्मीद है कि नामांकन वापसी के दिन पार्टी के जिन भी लोगों ने निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में नोमिनेशन फाइल किया है वो अपना नामांकन वापिस लेंगे और भाजपा के तय प्रत्याशियों के लिए काम करेंगे। हमने मंडी, कुल्लू और किन्नौर में साथियों के साथ बातचीत की है। सभी जगहों पर चर्चा के बाद सार्थक परिणाम देखने को मिल रहे हैं।