Friday, June 20, 2025
Homeशिमलाहिमाचल में प्रति व्यक्ति आय में आई गिरावट, विकास दर माइनस 6.2...

हिमाचल में प्रति व्यक्ति आय में आई गिरावट, विकास दर माइनस 6.2 फीसदी तक लुढ़की, सीएम जयराम ने पेश किया आर्थिक सर्वेक्षण


शिमला 

हिमाचल प्रदेश की अर्थव्यवस्था इस बार कोरोना महामारी के कारण धड़ाम से नीचे गिर गई है। विकास दर ऋणात्मक हो गई है, क्योंकि यह माइनस 6.2 प्रतिशत तक लुढ़क गई है। प्रतिव्यक्ति आय भी 7121 रुपये घट गई है। 3.7 प्रतिशत तक लुढ़कने के कारण इसके इस वित्तीय वर्ष में 1.83 लाख रुपये रहने की संभावना है। यह खुलासा आर्थिक सर्वेक्षण की रिपोर्ट में हुआ है, जिसकी रिपोर्ट शुक्रवार को मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने विधानसभा के बजट सत्र के छठे दिन सदन में पेश की। वित्तीय वर्ष 2018-19 में विकास दर 6.5 प्रतिशत और 2019-20 में 4.9 प्रतिशत रही। चालू वित्त वर्ष में बड़ी गिरावट के साथ यह ऋणात्मक हो गई है। यह लुढ़ककर माइनस 6.2 प्रतिशत रह गई है। हालांकि यह राष्ट्रव्यापी है। राज्य का सकल घरेलू उत्पाद प्रचलित भाव पर वर्ष 2019-20 में 1,62,816 करोड़ रुपये है। यह गत वर्ष 2018-19 में 1,49,422 करोड़ रुपये था। कोरोना के प्रभाव के कारण प्रथम अग्रिम अनुमान के अनुसार वर्ष 2020-21 में सकल घरेलू उत्पाद में 6.2 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की गई है। वर्ष 2019-20 में हिमाचल प्रदेश की प्रतिव्यक्ति आय प्रचलित भाव पर 7.9 प्रतिशत वृद्धि के साथ 1,90,407 रही। जो वर्ष 2018-19 में पिछले वर्ष से 6.6 प्रतिशत की बढ़ोतरी के साथ 1,76,460 आंकी गई है। वर्ष 2020-21 में प्रतिव्यक्ति आय 3.7 प्रतिशत की गिरावट के साथ 1,83,286 रहने की संभावना है। पिछले वर्ष सेब बागवानी ने विकास दर ज्यादा नहीं गिरने दी, लेकिन इस बार सेब भी लाज नहीं बचा पाया। वर्ष 2020-21 में बागवानी उत्पादन में 43 प्रतिशत की कमी के कारण 3.1 प्रतिशत का संकुचन हुआ है। प्रचलित कीमतों पर राज्य के सकल मूल्यवर्द्धित में कृषि और संबद्ध क्षेत्रों में 60 प्रतिशत आबादी का प्रमुख क्षेत्र है। भागीदारी वर्ष 2015-16 में 15.89 प्रतिशत से घटकर वर्ष 2020-21 में 13.62 प्रतिशत रह गई है। पिछले साल अप्रैल से दिसंबर के बीच महंगाई बहुत बढ़ी। मुद्रास्फीति की यह दर 7.6 प्रतिशत तक पहुंच गई। प्रदेश में मुद्रास्फीति 2014 से मध्यम रही है। उपभोक्ता मूल्य सूचकांक संयुक्त पर आधारित मुद्रास्फीति वर्ष 2015-16 में 4.4 प्रतिशत रही है। यह 2019-20 में 3.5 प्रतिशत हो गई। चालू वित्तीय वर्ष 2021-21 में अप्रैल से दिसंबर 2020 तक यह दर 5.3 प्रतिशत रही है। पिछले वर्ष इसी दौरान अप्रैल से दिसंबर 2019 तक यह दर 2.5 प्रतिशत थी। चालू वित्तीय वर्ष 2020-21 में अप्रैल से दिसंबर 2020 के दौरान उपभोक्ता मूल्य सूचकांक ग्रामीण व शहरी में क्रम से 4.8 प्रतिशत और 7.6 प्रतिशत रही। 2019 की इस अवधि में 2.0 और 4.7 प्रतिशत रही।  

Most Popular