अगर आपसे पूछा जाए कि आपका सबसे बड़ा राज़दार कौन है तो आपका जवाब क्या होगा ? शायद आप अपने जीवनसाथी, बेस्ट फ्रेंड या भाई-बहन का नाम लेंगे। लेकिन हकिकत में जिसे आपके बारे में सबसे ज्यादा जानकारी है, वह है आपका मोबाइल फोन। आपकी पसर्नल चैटिंग, फोटोज़ व वीडियो, नौकरी व व्यवसाय, जीपीएस लोकेशन और सोशल मीडिया व ऐप पासवर्ड से लेकर बैंक डिटेल्स सबकुछ पता है आपके स्मार्टफोन को। आप भी नहीं चाहते कि आपकी ये प्राइवेट चीजें किसी और के सामने जाए इसीलिए फोन पर लॉक भी लगाकर रखते हैं। लेकिन क्या यह लॉक काफी है ? बीते दिनों में डाटा लीक के कई ऐसे मामले सामने आए हैं जिन्होंने आम जनता को चौंका कर रख दिया है। लोगों में डर है कि कहीं उनका फोन भी तो हैक नहीं कर लिया गया है और कोई अन्य व्यक्ति उन्हीं के फोन से उनपर नज़र तो नहीं बनाए हुए हैं। सबसे पहले तो आपको बता दें कि यह डरने का नहीं बल्कि सावधानी बरतने का समय है। आपकी सूझबूझ और हमारे बताएं टिप्स मिलकर आपको इस तरह की Mobile Hacking और Data Leak जैसे खतरनाक चीजों से बचा सकते हैं।
क्या है Mobile Hacking और Data चोरी
क्या आप उन लोगों में से हैं जो यह सोचते हैं कि आपके पसर्नल डाटा को चुराकर विदेश में बैठा कोई व्यक्ति भला क्या फायदा उठाएगा ? सबसे पहले तो यही बता दें कि आपके बैंक में पड़ी धनराशि से भी ज्यादा महंगा है आपका डाटा। इंटरनेशनल मार्केट में आपके नाम, सरनेम और मोबाइल नंबर की वैल्यू लाखों की डील्स में शामिल होती है। हैकर्स आपके फोन का डाटा चुराकर बड़ी कंपनियों को बेचते हैं और खूब नोट छापते हैं। आपका डाटा किसी कंपनी के लिए बड़े मुनाफे का सौदा साबित हो सकता है इसलिए बहुत से हैकर आपके फोन में सेंधमारी के लिए तैयार बैठे रहते हैं। वहीं ब्लैकमेलिंग और मनी फ्रॉड जैसे कांड भी आपका डाटा चुराकर ही किए जाते हैं।
कैसे होता है Phone Hack
‘चोरी करना कोई चोर से बेहतर नहीं जानता‘ यह लाईन मोबाइल हैकिंग पर बिल्कुल फिट बैठती है। किसी फोन को हैक करने के ढ़ेरों तरीके हैं और समय के साथ-साथ इस काम में सक्रिय लोग नए तरीके भी ईजाद करते रहते हैं। यहां एक बात साफ कर दें कि फोन हैक होने में सबसे बड़ा जिम्मेदार खुद मोबाइल यूजर ही होता है। यूजर ही कोई न कोई ऐसी गलती करता है जिसकी वजह से उसका फोन हैक होता है डाटा चोरी होता है। लालच, नासमझी और जल्दबाजी यूजर की प्राइवेसी और सिक्योरिटी से समझौता कर लेती है और फोन गलत हाथों में चला जाता है। आगे हमने मोबाइल हैकिंग के कुछ ऐसे प्रचलित तरीके बताए हैं जो हैकर्स द्वारा सबसे ज्यादा यूज़ किए जाते हैं
1. फिशिंग
इंडियन यूजर्स सबसे ज्यादा जिस तरह के स्कैम में फंसते है वह है फिशिंग। यह फ्रॉड पूरी तरह से लालच पर ही चलता है। यूजर के पास मैसेज भेजा जाता है कि उनके नंबर पर ईनाम निकला है जिसमें फलां-फलां गिफ्ट, पैसा, सामान इत्यादि शामिल है। ऐसे मैसेज देखकर लोग झट से लिंक पर क्लिक कर देते हैं और मुफ्त का सामान पाने के चक्कर मछली की तरह जाल में फंस जाते हैं। यकिनन आपके पास भी ऐसे मैसेज जरूर आए होंगे। ज़रा कॉमन सेंस से सोचिए, बिना बच्चे के रोए तो मॉं भी दूध नहीं पिलाती, तो फिर आपको क्यों काई फ्री में ईनाम देकर जाएगा।
2.स्पैम लिंक
फिशिंग की तरह ही काम करता है स्पैम लिंक। यूजर्स को WhatsApp इत्यादि पर वेबसाइट्स के लिंक भेजे जाते हैं और उन्हें पढ़ने के लिए कहा जाता है। जैसे ही लोग लिंक पर क्लिक करते हैं तो वायरस या इनफेक्टिव फाइल्स फोन में सेव हो जाती है तथा सिस्टम को हैक कर लेती है। ये लिंक काफी हद तक अरिजनल प्रोडक्ट व वेबसाइट जैसे ही दिखते हैं जिस वजह पहचानना मुश्किल हो जाता है। ये जो त्यौहारों पर अपने नाम की बधाई वाली GIF बनाकर भेजी जाती है, ये भी स्पैम ही होती है। इसके अलावा रिपोर्ट, न्यूज, आर्टिकल, ऑफर या लॉटरी के रूप में भी स्पैम लिंक मैसेज आते हैं।
3. मोबाइल ऐप्लीकेशन्स
ऐसी मोबाइल ऐप्लीकेशन्स जो इन्फेक्टिड होती है यानि जिनमें वायरस छिपा होता है। जब भी कोई ऐसी ऐप फोन में इंस्टाल की जाती है तो ऐप के साथ साथ वायरस भी फोन में घुस जाता है और फोन हैक कर डाटा चुरा लेता है। ये ऐप्स मोबाइल गेम, वीडियो प्लेयर या TikTok जैसी वीडियो मेकिंग और फोटो एडिटिंग के रूप में भी मिल सकती है। इस ऐप्स अधिकतर थर्ड पॉर्टी ही होती हैं और आईफोन व एंडरॉयड के ऑफिशियल ऐप स्टोर पर इन्हें जगह नहीं दी जाती है।
4. डाउनलोड
‘भाई.. वो नेटफ्लिक्स पर जो नई मूवी आई है वो है तेरे पास..?‘ इस तरह की बातें दोस्तों में अक्सर होती रहती है। और इन बातों की दूसरी या तीसरी लाईन यही है कि ‘सेंड कर दे’। इस तरह की मूवीज़, वीडियोज़ व गानें जब इंटरनेट से डाउनलोड किए जाते हैं तो साथ साथ हैकिंग का सामान भी साथ लेकर आते हैं। इंटरनेट पर अनेंको ऐसी वेबसाइट्स है जो वायरस इंफेक्टेड फाइल सर्व करती है। प्राइरेसी इस तरह के वायरस का सबसे बड़ा घर है।
5. पॉप-अप
इंटरनेट की दुनिया में ब्राउजिंग करते-करते कहां तक पहुॅंच जाते हैं पता नहीं चल पाता है। इस बीच कई वेबसाइट्स व वेबपेज पर तरह-तरह के पॉप-अप भी सामने आते रहते हैं। ये पॉप-अप इरिटेट तो करते हैं ही तथा साथ में हैकर्स को आपके मोबाइल में घुसने का भी रास्ता दिखा देते हैं। गलती से अगर किसी पॉप-अप पर क्लिक हो जाए तो कहीं पीछे नई टैब खुल जाती है और तक उस टैब तक पहुॅंच कर उसे बंद किया जाता है तब तक वायरस आपके सिस्टम में प्रवेश कर चुका होता है।
ऐसे करें बचाव
उपर बताए गए प्वाइंट्स पढ़कर ही आपको काफी हद तक समझ में आ गया होगा कि मोबाइल फोन को हैकिंग और डाटा चोरी से बचाने के लिए क्या करना चाहिए और किन चीजों से बचना चाहिए। कुछ गलतियां वाकई में काफी भारी पड़ सकती है लिहाजा हमें कुछ नई आदतें बनानी चाहिए और आगे बताए गए टिप्स को अपनाना चाहिए :
- प्राइस मिलने या लॉटरी लगने जैसे जाली मैसेज को कभी ओपन नहीं करना चाहिए। वहीं साथ ही यदि ऐसे मैसेज आपके पास आए हैं तो उन्हें डिलीट कर देना चाहिए और जिसने मैसेज भेजा है उन्हें भी सावधान करते हुए मैसेज न फैलाने के लिए समझाना चाहिए।
- ईमेल हो या व्हाट्सऐप बिना सही से चैक करें किसी भी तरह के लिंक को ओपेन नहीं करना चाहिए। ऐसे लिंक भेजने वाले व्यक्ति को भी लिंक फैलाने से रोकना चाहिए।
- किसी भी तरह की कोई ऐप डाउनलोड करनी है तो हमेशा ऑफिशियल प्लेटफॉर्म का ही यूज़ करना चाहिए। थर्ड पार्टी ऐप्स व ऐपीके फाइल्स को फोन में डाउनलोड नहीं करना चाहिए।
- कोई ऐप अगर फोन में इंस्टाल कर लेते हैं तो इस बात पर जरूर ध्यान देना चाहिए कि वह ऐप किस किस चीज की परमिशन मांग रही है। अगर आपको लगता है कि ऐप को यूज़ करने के लिए किसी फीचर की कोई जरूरत ही नहीं है तो ऐप को उसकी परमिशन नहीं देनी चाहिए।
- किसी ऐप, मोबाइल गेम तथा फिल्म इत्यादि की पायरेटेड फाइल अपने फोन में न रखें। पाइरेसी को ना करें और ऐसी फाईल डाउनलोड करने वाले आपके दोस्तों को भी इसका खतरा समझाएं।
इनके अलावा अनजान व्यक्ति से मिले ईमेज, मैसेज को ओपन न करना। किसी व्यक्ति को फोन में फाईल ट्रांसफर न करने देना। बेवजह बीटा ऐप्स व फोन रूटिंग का यूज़ करना जैसी कुछ जरूरी बाते हैं जिनसे हमे बचना चाहिए और फोन को डाटा चोरी व हैकिंग से बचाकर रखना चाहिए।