शिमला: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पिछले महीने कोरोना वैक्सीन की एहतियातन डोज (Precautionary Dose) का ऐलान किया था। कोरोना वैक्सीन की इस बूस्टर डोज को आज से हेल्थ वर्कर्स और फ्रंटलाइन वर्कर्स के साथ गंभीर बीमारियों से ग्रस्त वरिष्ठ नागरिक भी ले सकते हैं। हालांकि पीएम मोदी ने इसे बूस्टर डोज न कहकर ‘प्रीकॉशन डोज’ का नाम दिया था। यह डोज ऐसे वक्त में दी जा रही है जब देश में ओमिक्रॉन के कारण कोरोना के मामले एक बार फिर तेजी से बढ़ रहे हैं।
1)स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा है कि एहतियाती वैक्सीन की डोज के लिए पंजीकरण की कोई आवश्यकता नहीं है, जो पात्र हैं वे सीधे अपॉइंटमेंट ले सकते हैं या किसी वैक्सीनेशन सेंटर में जा सकते हैं। सभी वयस्कों के लिए बूस्टर खुराक पर अभी तक कोई निर्णय नहीं हुआ है।
2) हेल्थ और फ्रंटलाइन वर्कर्स के साथ ही 60 साल से अधिक आयु के लोग जिन्हें डायबिटीज, हाइपरटेंशन और पुरानी बीमारियों हैं, उनके पास भी अपने डॉक्टर की सलाह पर “एहतियाती खुराक” प्राप्त करने का विकल्प है।
3)हालांकि, इसके लिए पात्र लोगों को कोविड वैक्सीन की दूसरी डोज लेने के 9 महीने बाद ही बूस्टर डोज दी जाएगी।
4) तीसरी खुराक वही वैक्सीन होगी जो लोगों को उनकी पहली और दूसरी खुराक के लिए मिली है। केंद्र ने कहा है कि इसमें कोई मिक्स एंड मैच नहीं होगा।
इसका मतलब है कि जिन लोगों को सीरम इंस्टीट्यूट की वैक्सीन कोविशील्ड की दो डोज मिली हैं, तो उन्हें उसी की तीसरी खुराक दी जाएगी, वहीं जिन लोगों को भारत बायोटेक की कोवैक्सीन लगाई गई है उन्हें तीसरी डोज भी कोवैक्सीन की ही लगाई जाएगी।