शिमला : पूर्व मुख्यमंत्री और इस समय अर्की से विधायक वीरभद्र सिंह ने लंबी बीमारी के बाद आज आईजीएमसी में अंतिम सांस ली । वे लंबे समय से अस्पताल में उपचाराधीन थे । पिछले दिनों वो कोरोना को हरा कर negitive हुए परंतु फेफड़ों के संक्रमण के चलते दो दिन पहले ही उनको दुबारा वेंटिलेटर पर शिफ्ट किया गया था ।
वह करीब ढाई महीने से आईजीएमसी में दाखिल थे। सोमवार को अचानक तबीयत खराब होने के बाद डॉक्टरों ने उन्हें वेंटिलेटर पर दाखिल कर दिया था। जिसके बाद से वह बेहोशी की हालत में यहां पर उपचाराधीन थे। लेकिन गुरुवार सुबह उनकी मौत हो गई। वह 87 साल के थे। आईजीएमसी के एमएस डॉ. जनक राज में उनकी मौत की पुष्टि की है।
वीरभद्र सिंह छह बार हिमाचल के मुख्यमंत्री रहे हैं। वीरभद्र सिंह यूपीए सरकार में भी केंद्रीय कैबिनेट मंत्री रह चुके हैं। उनके पास केंद्रीय इस्पात मंत्रालय रहा। इसके अलावा सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्योग मंत्रालय भी रह चुका है। वीरभद्र सिंह का जन्म 23 जून, 1934 को बुशहर रियासत के राजा पदम सिंह के घर में हुआ।
वीरभद्र सिंह ने 1962 में, वर्ष 1983 से 1990, 1993 से 1998, 1998 में कुछ दिन तक तीसरी बार, फिर 2003 से 2007 और 2012 से 2017 में हिमाचल के मुख्यमंत्री रहे। लोकसभा के लिए वह पहली बार 1962 में चुने गए।