बांग्लादेश में हिंदुओं पर हो रहे अत्याचार के खिलाफ विभिन्न संगठनों द्वारा रोष रैली आयोजित
रेणुका गौतम, कुल्लू : सनातन चेतना संघ और सनातन चेतना मंच की अगवाई में आज जिला मुख्यालय कुल्लू में विभिन्न संगठनों ने मिलकर बांग्लादेश में हिंदुओं के खिलाफ हो रहे अत्याचारों को लेकर एक रोष प्रदर्शन का आयोजन किया। इस प्रदर्शन में पतंजलि सभा, ब्राह्मण सभा, ब्रह्माकुमारी सांस्था सहित बहुत से सामाजिक और धार्मिक संगठनों ने भाग लिया और जमकर अपना रोष ज़ाहिर किया।
यह रैली अखाड़ा बाज़ार के रामबाग से शुरू होते हुए जिला मुख्यालय ढालपुर तक निकाली गई। और अपनी मांगों को लेकर पदाधिकारीयों द्वारा उपायुक्त कुल्लू तोरल एस रवीश के माध्यम से भारत सरकार को एक मांग पत्र भी सौंपा गया। जिसमें भारत सरकार से आग्रह किया गया है कि वह बांग्लादेश सरकार को यह सब रोकने की कड़ी हिदायत दे।
अमन सिंह सूद, सनातन चेतना संघ के संयोजक और अध्यक्ष का कहना है कि जिस तरह से मोहम्मद यूनुस के सत्ता आने के बाद बांग्लादेश में हिंदुओं पर लगातार अत्याचार बढ़ते जा रहे हैं, हैरानी की बात है कि यूनाइटेड नेशन्स इस मुद्दे पर अब भी चुप्पी साधे बैठा है। वह क्यों ? बहुत हैरानी की बात है। अतः विश्व समुदाय को भी इस मुद्दे पर खुलकर बोलना चाहिए और बांग्लादेश को मनमानियां करने से रोकना चाहिए।
साथ उन्होंने यह भी कहा कि कितनी हैरानी वाली बात है कि वर्ष 1971 में बांग्लादेश को आजाद करवाने में भारतवर्ष का सबसे बड़ा योगदान रहा है। और उसे समय बांग्लादेश के दो लाख मुसलमानों को तीन-चार महीनों तक लगातार वहां के इस्कॉन मंदिर के सेवादारों द्वारा भोजन उपलब्ध करवाया गया। लेकिन हैरानी वाली बात यह है कि इतनी बड़ी कुर्बानी और सेवा भाव को भुलाते हुए आज इस्कॉन मंदिर और वहां के पुजारियों भी बांग्लादेश के कट्टरपंथियों के हमले का शिकार हो रहे हैं। अतः भारत सरकार को चाहिए कि वह बांग्लादेश पर राजनीतिक राजनीतिक दबाव डालें कि वह हिंदुओं के साथ अत्याचार न करें।
अमन सूद ने यह भी कहा कि यदि फिर भी बांग्लादेश अपनी हरकतों से बाज नहीं आता है तो उत्तर- पूर्वी भारत में चिकन नेक नाम से मशहूर भारत के क्षेत्र के साथ बांग्लादेश का क्षेत्र चिटगांव ( चितगोंग) है जो हिंदू- बहुल क्षेत्र है, उसे जबरन भारत में मिला लेना चाहिए। ताकि बांग्लादेश को अपनी करतूतों का सबक मिल सके।
भीम कटोच, सचिव सनातन रक्षा मंच कुल्लू का कहना है कि हैरानी की बात है कि मोहम्मद यूसुफ जो बांग्लादेश की नई सरकार बनते ही अल्पसंख्यक हिंदुओं के साथ अत्याचार होने शुरू हो गए हैं। सरकार के मुखिया मोहम्मद यूसुफ को यूनेस्को 2006 में नोबेल शांति पुरस्कार मिल चुका है, जबकि मौजूदा हालात देखते हुए लगता है कि वह इस पुरस्कार के कतई हकदार नहीं है। यह पुरस्कार उनसे वापस लिया जाना चाहिए। आज बांग्लादेश में हिंदुओं को बहुत प्रताड़ित किया जा रहा है उनके वस्त्र तक उतारे जा रहे हैं और बहन बेटियों की आबरू उनके घर परिवार वालों के सामने ही लूटी जा रही है, उन्हें जिंदा जलाया जा रहा है। भारत सरकार को चाहिए कि बांग्लादेश सरकार को यह सब रोकने की कड़ी हिदायत दें। उन्होंने यह भी कहा कि आंकड़ों के हिसाब से मौजूदा समय में 2 करोड़ बांग्लादेशी अवैध रूप से भारत वर्ष में रह रहे हैं जिन्हें देश से बाहर खदेड़ दिया जाना चाहिए। ताकि भविष्य में भारत में भी बांग्लादेश की तरह स्थिति न बन सके।
उन्होंने हिंदुओं से भी एकजुट होकर आगे आने का आह्वान किया और मौजूदा समय में बांग्लादेश में हिंदुओं पर हो रहे अत्याचारों को देखते हुए एक ही सबक मिलता है कि सभी को जाति-पाति जैसी मामूली चीजों से ऊपर उठकर सिर्फ हिंदू होकर एकता के सूत्र में बंधना है ताकि ऐसी नकारात्मक शक्तियां हम पर हावी न हो पाएं।