शिमला: . कहते हैं पूत के पांव पालने में ही नजर आते हैं। यह कहावत चरितार्थ होती है परिधि चौहान पर। मात्र 8 साल की उम्र में परिधि ने अपने माता पिता का नाम ही नहीं बल्कि देश का नाम रोशन किया है। परिधि रामपुर के सेरी- मंझाली गांव की रहने वाली है जिसने हाल ही में गुजरात के सूरत शहर में हुई अंडर-13 जुडो कराटे नेशनल प्रतियोगिता में गोल्ड जीता है। परिधि रामपुर के एक छोटे से गांव सेरी- मंझाली की रहने वाली है जिसने 8 साल की उम्र में राष्ट्रीय स्तर पर गोल्ड मेडल जीतकर अपने माता पिता का नाम रोशन किया है। परिधि के माता पिता किसान बागवान है जो मजदूरी कर अपनी बेटी को एक निजी स्कूल में नोगली में पढ़ाते हैं। परिधि की माता अंजना चौहान व पिता मेहर सिंह चौहान अपनी बेटी की सफलता पर बेहद खुश हैं उन्हें अपनी नन्हीं सी बेटी पर गर्व है । उनका कहना है कि एक न एक दिन उनकी बेटी जरूर देश के लिए खेलकर अपना नाम रोशन करेगी। परिधि ने आजतक जिला व राज्य स्तर पर ढेर सारे मेडल जीते हैं जिसकी मेहनत और कड़ी लग्न से राष्ट्रीय स्तर पर उसे गोल्ड मेडल हासिल हुआ है।परिधि ने एक नहीं बल्कि दो दो गोल्ड मेडल जीते हैं इसके अलावा एक सिल्वर मेडल भी हासिल हुआ है। परिधि के माता पिता ने इसका श्रेय स्कूल के टीचरों और कोच को दिया है जिनकी परीक्षा में परिधि ने उन्हें और स्कूल को गोल्ड मेडल जीतकर ईनाम के रूप में दिया है इससे स्कूल का नाम और प्रदेश का नाम रोशन हुआ है।
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