*एक हज़ार पौधे लगाकर दिया पर्यावरण संरक्षण का संदेश
शिमला: आज़ादी का अमृत महोत्सव के कार्यक्रमों की श्रृंखला में एपीजी शिमला विश्वविद्यालय की ओर से मंगलवार को पौधरोपण कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस अवसर पर एपीजी शिमला विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. डॉ. रमेश चौहान, विश्वविद्यालय के मुख्य सलाहकार इंजीनियर सुमन विक्रांत और कुलसचिव बलराम झा ने विश्वविद्यालय के प्रांगण में पौधरोपण किया। कुलपति प्रो. डॉ. रमेश चौहान ने उपस्थित सभी छात्र-छात्राओं और शिक्षकों को अधिक से अधिक पौधे लगाने के लिए प्रेरित किया। इस पौधरोपण कार्यक्रम के दौरान एपीजी शिमला विश्वविद्यालय के आसपास पूजारली ग्राम पंचायत के ग्रामीण क्षेत्र में छात्र-छात्राओं, शिक्षकों, गैर-शिक्षकों ने विभिन्न प्रकार की प्रजातियों के एक हज़ार पौधे रोपित किए। कुलपति चौहान ने कहा कि पौधों का मानव-जीवन में अहम महत्त्व है, पौधे ऑक्सीजन देने का काम करते है और वातावरण को स्वच्छ रखते है तथा प्रदूषण से बचाते हैं। कुलपति चौहान ने कहा कि पेड़-पौधे हरियाली बनाए रखते हैं और बर्षा लाने में भी सहायक होते है। उन्होंने सभी से अधिक से अधिक पौधे लगाने के लिए आग्रह किया और कहा कि हमें प्रकृति को संवारने और इसके संरक्षण के लिए हर व्यक्ति को अपनी जिंदगी में हर साल पौधे लगाने चाहिए और वनों की रक्षा करनी चाहिए। चौहान ने कहा कि वर्तमान समय में मनुष्य प्राकृतिक संसाधनों का अत्यधिक दोहन कर रहा है और प्रकृति को कुछ नहीं दे रहा है। उन्होंने कहा कि वैदिक काल में पेड़-पौधों की पूजा की जाती थी उन्हें देव तुल्य माना जाता था और प्रकृति का आदर करते थे। कुलपति चौहान ने कहा कि जब अधिक से अधिक पौधे लगेंगें, हमारी धरा पर उतनी ही हरियाली बढ़ेगी। कुलपति चौहान ने यह भी कहा कि हमें जहाँ पौधों को लगाना है, वहीं उनका संरक्षण भी करना है। इसलिए आमजन का दायित्व बनता है कि खाली भूमि पर पौधरोपण करें। इस अवसर पर विश्वविद्यालय के डीन अकैडमिक डॉ. अनिल कुमार पॉल, डीन प्रो. रोहिणी धड़ेला, डीन प्रो. नील सिंह, डीन रेहान खान, कार्यकारी अधिकारी ज्योत्सना शर्मा, विश्वविद्यालय के अधिकारी माइकल फिन्देल, परीक्षा नियंत्रक अफ़ज़ल खान और विश्वविद्यालय में कार्यरत मालियों और सुरक्षा कर्मियों व सफ़ाई कर्मचारियों ने भी पौधरोपण किया।
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