एपीजी शिमला विश्वविद्यालय के कुलपति ने सरकार से की अपील कि विश्विद्यालय की पीड़ा को समझें
शिमला, हिमाचल प्रदेश निजी शिक्षा संस्थान रेगुलेटरी कमीशन के सदस्य एसपी कत्याल एक बार फिर विवादों के घेरे में हैं जिन पर स्थानीय एपी गोयल शिमला विश्वविद्यालय प्रसाशन ने उन पर गलत व्यवहार करने के गंभीर आरोप लगाए हैं। मंगलवार को एपी गोयल शिमला विश्विद्यालय के कुलपति प्रो. डॉ. रमेश कुमार चौधरी ने एक बयान जारी किया है कि हिमाचल प्रदेश निजी संस्थान रेगुलेटरी कमीशन का सदस्य एसपी कत्याल ने एपी गोयल शिमला विश्वविद्यालय के विरुद्ध अपने निहित स्वार्थों के लिए विश्विद्यालय पर झूठे आरोप लगाकर, असामाजिक तत्वों से मिलकर षड्यंत्र रचना और अपने पद की हैसियत से दबाब बनाकर एपी गोयल शिमला विश्वविद्यालय की गरिमा को चोट पहुंचाने की कोशिश की जा रही है। एपी गोयल शिमला विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. रमेश चौधरी ने कहा कि रेगुलेटरी कमीशन के सदस्य ने कुछ असामाजिक तत्वों से मिल विश्वविद्यालय कैंपस में पिछली साल अगस्त में विद्यार्थियों के बीच दंगे करवाए थे और विश्वविद्यालय में पढ़ाई को बाधित किया था और इन असामाजिक तत्वों द्वारा विश्विद्यालय पर दबाब बनाने की कोशिश की गई। कुलपति प्रो. रमेश कुमार चौधरी ने कहा कि मैंने इस महीने की तारीख 26 जून को माननीय शिक्षा मंत्री हिमाचल प्रदेश सरकार को रेगुलेटरी कमीशन के सदस्य के झूठे आरोपों की तरफ शिक्षा मंत्री का ध्यान आकर्षित करने की कोशिश की है कि उक्त सदस्य किस तरह विश्वविद्यालय पर झूठे षड्यंत्र रच कर विश्वविद्यालय प्रसाशन को प्रताड़ित करने की कोशिश कर रहा है। कुलपति चौधरी ने कत्याल पर आरोप लगाया कि वह शरू से ही अपने निहित स्वार्थों को साधने के लिए एपी गोयल शिमला विश्वविद्यालय से दुश्मनी जैसा व्यवहार करता आया है। कुलपति चौधरी ने कत्याल के विरुद्ध सबूतों का हवाला देते हुए आरोप लगाया है कि विश्वविद्यालय प्रसाशन के पास एसपी कत्याल के काले कारनामों के सबूत पहले से कत्याल की वॉइस रिकॉर्ड है जिसमें वह एक गैंग से मिलकर और गहरी साज़िश रच कर एपी गोयल शिमला विश्विद्यालय की गरिमा को क्षति पहुंचा रहे हैं। कत्याल पर यह भी आरोप है कि कत्याल को रेगुलेटरी कमीशन के चेयरमैन ने एपी गोयल शिमला विश्विद्यालय का प्रभार नहीं सौंपा था जिसके बारे में चेयरमैन ने विश्वविद्यालय को एक पत्र में बताया है, फिर कत्याल क्यों विश्विद्यालय के प्रभार में अपनी रुचि ले रहा है, कत्याल पर बेवजह विश्विद्यालय में आकर शिक्षकों से अभद्र व्यवहार करने के पहले भी आरोप हैं। कुलपति प्रो. रमेश कुमार चौधरी ने स्पष्ट किया कि रेगुलेटरी कमीशन सदस्य कत्याल के विरुद्ध पहले भी सबूतों के साथ 30 अक्टूबर, 2019 और इस साल 19 फरवरी को भी शिक्षा मंत्री को एक रिप्रजेंटेशन दिया था। उन्होंने कहा कि इस संदर्भ में विश्विद्यालय की ओर से कत्याल के खिलाफ कोर्ट में मुकदमा भी दायर है, कुलपति ने कानून पर पूरा भरोसा जताते हुए कहा कि विश्वविद्यालय को न्याय जरूर मिलेगा और विश्वविद्यालय के विरुद्ध झूठी साजिश रचने वाली गैंग और विश्विद्यालय की गरिमा को चोट पहुंचाने वालों को दण्ड मिलेगा। कुलपति चौधरी ने कहा कि इस तरह के लोगों की मानसिकता में अपना स्वार्थ सिद्ध करना होता है पर वे यह नहीं जानते कि विश्वविद्यालय कितनी मेहनत से बनाए जाते हैं, कितनी पूंजी लगती है। उन्होंने कहा कि एपी गोयल शिमला विश्विद्यालय में तीन सौ परिवारों की रोजी-रोटी इस विश्वविद्यालय से चलती है और दो हज़ार लोगों को रोजगार भी दिया है। चौधरी ने कहा कि एपी गोयल शिमला विश्वविद्यालय ने कोविड-19 महामारी के संकट वाले समय में भी समाज के लिए बहुत कुछ किया है, कोविड-19 के वारियर्स के लिए भी किया है, विश्विद्यालय के सारे स्टाफ़ को पूरी सैलरी दे रहे हैं और कहा कि इन असमाजिक तत्वों और झूठी साज़िश रचने वालों को विश्विद्यालय के अच्छे काम नज़र नहीं आते, विश्विद्यालय में विद्यार्थियों को क्वालिटी एजुकेशन दी जा रही है जो इन्हें नज़र नहीं आ रही है। कुलपति चौधरी ने बताया कि ये झूठी साज़िश रचने वाली गैंग पिछले कई महीनों से काफी सक्रिय हो रहे हैं क्योंकि रेगुलेटरी कमीशन में एक प्रकार से वेक्यूम सा माहौल बना हुआ है और रेगुलेटरी कमीशन के चेयरमैन के सेवानिवृत्ति के चलते रेगुलेटरी कमीशन का सदस्य नियमों को ताक पर रखकर आये दिन विश्वविद्यालय पर मीडिया में झूठे आरोप लगाता रहा है। कुलपति ने हिमाचल प्रदेश सरकार से भी आग्रह किया है, अपील की है कि किस तरह एक व्यक्ति अपने व्यक्तिगत लाभ के लिए एपी गोयल शिमला विश्विद्यालय के खिलाफ अपनी स्वार्थ सिद्धि के लिए विश्विद्यालय पर झूठे इलज़ाम व षड्यंत्र रचकर विश्वविद्यालय की गरिमा को हानि पहुंचा रहा है और इन रचे षड्यंत्रों के बारे में सरकार को समय-समय पर आगाह भी किया है। कुलपति प्रो. चौधरी ने रोष जताते हुए कहा कि सरकार क्यों इन असमाजिक तत्वों और झूठी साज़िश रचने वालों पर कार्यवाही नहीं कर रही है और एक व्यक्ति झूठी साज़िश रच कर विश्विद्यालय की गरिमा, छात्र-समुदाय और जनहित को हानि पहुंचा रहा है और विश्वविद्यालय को बंद करवाने की कोशिश कर रहा है। कुलपति ने एक बार फिर से सरकार से आग्रह व अपील की है कि विश्वविद्यालय की पीड़ा को समझें हालांकि इस संबंध में शिक्षा सचिव हिमाचल प्रदेश और राज्यपाल के सचिव हिमाचल प्रदेश को भी रिप्रजेंटेशन दिया है। प्रो. चौधरी ने कहा कि मैं सरकार से आग्रह व अपील करना चाहूँगा कि जल्दी से जल्दी इस तरह के गलत तत्वों जो कि अपने निहित स्वार्थ के लिए संस्था के विरुद्ध काम कर रहे हैं, उन पर रोक लगाई जाए और कानूनी कार्यवाही की जाए। उन्होंने कहा कि एपी गोयल शिमला विश्विद्यालय की ओर से इन गलत तत्वों के विरुद्ध पहले से हिमाचल प्रदेश उच्च न्यायालय में मुकदमा कर रखा है और क्रिमिनल केस भी कर रखा है।
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