भगवान शिव व माता पार्वती की कृपा इस बार सावन के अधिकमास 58 दिन तक रहेगा। सावन इस वर्ष 4 जुलाई से शुरू हो रहा है। इस बार सावन में अधिकमास का अद्भुत संयोग 19 साल बाद बन रहा है। इससे पहले 2004 में सावन का अधिकमास था। भगवान शिव का प्रिय अधिक मास 18 जुलाई से 16 अगस्त के बीच पड़ने वाले सावन के सोमवार काफी महत्वपूर्ण होंगे। सावन महीना इस वर्ष 4 जुलाई से 31 अगस्त तक चलेगा। श्रद्धालु इस बार भगवान शिव की उपासना कर सुख-समृद्धि की कामना कर सकेंगे।
सावन में महादेव की उपासना करने के लिए पूरे 8 सोमवार हैं। सावन मास पूरा महादेव को समर्पित है, लेकिन अधिकमास के स्वामी श्रीविष्णु हैं, इसलिए इसे पुरुषोत्तम मास भी कहते हैं। इस बार सावन में पड़ने के कारण यह अधिकमास और भी विशेष हो गया है, इस मास में जो भी व्यक्ति निष्ठापूर्वक भगवान का चिंतन करते हैं उन पर हरि यानी विष्णु और हर यानी शिव दोनों की कृपा बनी रहती है।
जिस चंद्र मास में सूर्य की संक्रांति नहीं होती, उस मास को मलमास कहते हैं। मलमास पड़ने के कारण पूरे एक महीने शुभ कार्य विवाह, मुंडन, गृह प्रवेश के लिए मुहूर्त नहीं रहते हैं। मलमास में नामकरण, यज्ञोपवित संस्कार भी नहीं किए जाते हैं। मलमास भगवान विष्णु को समर्पित होता है।