रोज़ाना काम छोड़ सूरज ठाकुर निकल पड़ता है खाना बांटने
रेणुका गौतम, कुल्लू : भले ही गत दिनों देवभूमि में आपदा पीड़ितों से कुछेक लोगों ने कमाई के मकसद से खाने पीने का सामान बहुत महंगा बेच कर देवभूमि को कलंकित करने में कसर नहीं छोड़ी। लेकिन देवभूमि का असली चेहरा दिखाने वाले समाजसेवी लोग और संस्थाएं भी सामने आ रहें हैं।
इस बात का जीता जागता उदाहरण है मणिकर्ण वासी सूरज ठाकुर। दरअसल आजकल सूरज ठाकुर मणिकर्ण से लेकर सुमा रोपा तक एक ऑटो में बैठकर जरूरतमंदों को भोजन परोसने के कार्य व्यस्त है। पिछले पांच दिनों से वह अपने काम को छोड़ कर इसी जनसेवा में लीन हैं।
मणिकर्ण के स्थानीय निवासी खुशी राम ने सूरज ठाकुर की जनसेवा की सराहना करते हुए कहा कि आजकल सड़क, बिजली बहाली के कार्य में जुटे मजदूरों तक भोजन पहुंचा रहें है। सूरज सुबह ही खाना बनाकर मणिकर्ण से सुमा रोपा तक के सफर पर निकल पड़ते हैं। इस दौरान रास्ते में जो भी उन्हें मिलता है उसे खाना परोसते हैं। इससे एक ओर जहां मणिकर्ण पैदल आ रहे लोगों को खाना मिल रहा है, वहीं दूसरी ओर लोग सड़क और बिजली बहाली में जुटे लोगों तक भी खाना पहुंच रहा है।
गौरतलब है कि सूरज ठाकुर मणिकर्ण में एक दुकानदार हैं। और यह पहला मौका नहीं है बल्कि पहले से ही समाज सेवा के कार्यों में बढ़चढ़ कर भाग लेते आएं हैं। पेशे से दुकानदार सूरज ठाकुर का कहना है कि नफा नुकसान तो आम दिनों की बात है। इंसान को हमेशा ही पैसे या दौलत कमाने पर ही ध्यान नहीं देना चाहिए, बल्कि ऐसे आपदा के अवसर होते हैं, जो हमें मनुष्य की निस्वार्थ मन से सेवा करके पुण्य कमाने का भी बेहतर मौका प्रदान करते हैं। यही हमारी देवभूमि के असली संस्कार है, और सभी को ऐसे कार्यों के लिए बढ़-चढ़कर सामने आना चाहिए।