कोरोना वायरस के चलते पूरे हिमाचल प्रदेश में लगा कर्फ्यू
कोरोना वायरस का संक्रमण रोकने के लिए पंजाब,चंडीगढ़,महाराष्ट्र सरकार के बाद हिमाचल प्रदेश की जयराम सरकार ने भी राज्य में कर्फ्यू की घोषणा कर दी है. मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने इसकी घोषणा की है. सीएम जयराम ठाकुर ने ये बड़ा कदम प्रदेश की जनता को कोरोना के खतरे से बचाने के लिए उठाया है। इसके अलावा जिले की सीमा पर चौकसी बरती जा रही है और समूह में लोगों को कही नहीं जाने दिया जा रहा है.
हिमाचल प्रदेश में कर्फ्यू आगामी आदेश तक लागू
– घर से बाहर न निकलें
– बाजार, स्कूल, कॉलेज, कार्यालय इत्यादि रहेंगे बंद
– उल्लंघन करने वाले के खिलाफ क़ानूनन कार्यवाही का रहेगा प्रावधान
-प्रशासन की देखरेख में आपातकालीन सेवाएँ रहेगी चालू ।
कर्फ्यू को आम शब्दों में यूं समझे कि यह एक तरह की पाबंदी होती है। इस दौरान आपको अपने घरों से नहीं निकलना होता है। गलियों और सड़कों पर भीड़ नहीं लगानी होती है। आमतौर पर सरकारी अथॉरिटीज ही कर्फ्यू लगाती है। किसी जिले, शहर या राज्य में कर्फ्यू तब लगाया जाता है जब किसी गंभीर स्थिति से निपटना हो। ऐसी स्थिति की ज्यादा लोगों के जमा होने से शांति भंग होने या किसी और तरह का खतरा बढ़ सकता है। कर्फ्यू की एक निश्चित अवधि होती है। प्रशासन जरूरत पड़ने पर निर्धारित समय के बाद भी कर्फ्यू लगा सकता है।
धारा 144 और कर्फ्यू में क्या फर्क है?
धारा 144 लगने का मतलब होता है कि किसी जगह पर पांच या उससे ज्यादा लोग एक साथ जमा नहीं हो सकता। आप अकेले हैं तो आ जा सकते हैं। लेकिन कर्फ्यू में ऐसा नहीं है। इसमें आप अपने घरों से नहीं निकल सकते हैं। अगर किसी जरूरी काम से बाहर निकलना होगा तो आपको पुलिस से पहले अनुमति लेनी होगी। उल्लंघन करने पर जुर्माना लग सकता है या फिर गिरफ्तार किया जा सकता है।
कर्फ्यू के दौरान क्या होता है?
कर्फ्यू के दौरान मार्केट, स्कूल, कॉलेज आदि सभी बंद होते हैं। सिर्फ जरूरी सेवाओं को जारी रखने की अनुमति होती है। इस दौरान कहीं भी आने-जाने पर पूरी तरह रोक होती है। कर्फ्यू एक निश्चित समय के लिए लगाया जाता है लेकिन अथॉरिटीज जरूरत पड़ने पर कर्फ्यू को बढ़ाया भी जा सकता है।