शिमला : हिमाचल प्रदेश विधानसभा के बजट सत्र की सोमवार की कार्यवाही के दौरान प्रदेश में जाति आधार पर हो रही भेदभाव की घटनाओं को लेकर चर्चा को समय न देने पर सदन में हंगामा हो गया। इस पर विपक्ष ने वाक आउट कर दिया। माकपा विधायक राकेश सिंघा भी कांग्रेस के साथ वाकआउट में बाहर आ गए।
हिमाचल प्रदेश विधानसभा में कांग्रेस नेता मुकेश अग्निहोत्री ने सरकार पर एक बार दोबारा विपक्ष की आवाज दबाने के आरोप लगाए हैं। मुकेश अग्निहोत्री ने सदन में दलित उत्पीड़न जैसे संवेदनशील विषयों पर चर्चा नहीं करवाया जाना, न केवल विपक्ष की आवाज दबाने वाला बताया। बल्कि सरकार की दलितों और पीड़ितों के प्रति असंवेदनशीलता का भी परिणाम है। मुकेश अग्निहोत्री ने कहा कि हिमाचल प्रदेश में लंबे अरसे से दलितों और पीड़ितों के साथ लगातार उत्पीड़न की घटनाएं घटित हो रही हैं। लेकिन सरकार कुछ करने में नाकाम है। मुख्यमंत्री के गृह जिले मंडी और कुल्लू में लगातार छुआछूत की घटनाएं घट रही हैं। लेकिन सरकार इनको रोकने में पूरी तरह से नाकाम साबित हो रही है।
कांग्रेस विधायक नंदलाल ने प्वाइंट ऑफ आॅर्डर के तहत विधानसभा में प्रश्नकाल के बाद जातीय भेदभाव का मामला उठाया और इस पर मुख्यमंत्री के वक्तव्य से असंतुष्ट विपक्ष ने वाकआउट किया। इससे पूर्व मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने मंडी में शिवरात्रि मेले के दौरान हुई जातीय भेदभाव को लेकर कहा कि यह घटना मेरे विधानसभा क्षेत्र से संबंधित है और इसमें कांग्रेस के ब्लॉक प्रभारी को गिरफ्तार किया गया है।
इसके अलावा बल्ह वाली दूसरी घटना को लेकर उन्होंने कहा कि दल कोई भी हो या कोई भी व्यक्ति, उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। कांग्रेस इन मामलों पर सदन में चर्चा की मांग कर रही थी और अपनी बात रखना चाहती थी। लेकिन अध्यक्ष ने कहा जवाब आ गया है।