शिमला : पिछले महीने इक्डोल में फीस वृद्धि के खिलाफ लगातार एसएफआई मांग कर रही है कि इस फीस वृद्धि को वापिस लिया जाए लेकिन अभी तक प्रशासन की ओर से अभी तक कोई भी सकारात्मक परिणाम नही आया है।
एसएफआई पहले ही विश्वविद्यालय कुलसचिव इक्डोल डायरेक्टर डींन्स ऑफ स्टडीज विश्वविद्यालय कार्यकारी परिषद के सदस्यों को ज्ञापन सौंप चुकी है लेकिन अभी तक भी प्रशासन की ओर से कोई सकारात्मक पहल नही हुई है। एसएफआई का मानना है कि विश्वविद्यालय प्रशासन की छात्रों को सुविधाएं मुहैया कराने का कोई इरादा नही है अगर होता तो छात्र मांगो को सुनते हुए इस फीस वृद्धि के प्रस्ताव को वापिस ले चुके होते।
विश्वविद्यालय प्रशासन इस तरह के छात्र विरोधी फैसले लेकर छात्रों को लगातार शिक्षा से दूर कर रहा है।
हाल ही में विश्वविद्यालय के छात्रावासों की मैसों को आउटसोर्स कर रहा है विश्वविद्यालय का अभी तक टेंडर नही हुए है जिससे आने वाले समय मे छात्रों की जेब पर अतिरिक्त आर्थिक बोझ बढ़ेगा। विश्वविद्यालय जाने जाते है शोध के लिए हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय में प्रशासन के संगरक्षण में यज्ञ व हवन करवाये जा रहे है पिछले साल भी इस प्रकार का मामला सामने आया था लेकिन छात्रों ने इसका विरोध भी किया था लेकिन आज फिर मल्टी फैकल्टी भवन के उद्घाटन के दौरान भी संविधान का उल्लंघन किया गया और हवन करवाया गया।
एसएफआई का मानना है कि पूरे देश में केंद्र सरकार शिक्षा के बजट में लगातार कटौती कर रही है आउट जब छात्र इसके खिलाफ आवाज उठता है तो उसकी आवाज को दबाने के लिए प्रशासनिक दमन किया जाता है।
एसएफआई का साफ कहना है कि अगर आने वाले समय मे भी इक्डोल में फीस वृद्धि को वापिस नही लिया गया तो एसएफआई आने वाले समय मे उग्र आंदोलन के लिए तैयार है ।