खराब माली हालत को देखकर अधिकांश देशों ने मोड़ा मुंह
हमीरपुर : काला धन लाने के वायदे पर जनादेश हासिल करने वाली सरकार काला धन तो नहीं ला सकी लेकिन अपने सत्ताकाल में स्विस बैंकों को खूब मालामाल किया है। आलम यह है कि मोशा राज में भारतीयों का स्विस बैंकों में जमा काला धन 50 फीसदी तक बढ़ गया है। यह बात कांग्रेस विधायक राजेंद्र राणा ने कही है। राणा ने कहा है कि एसएनवी स्वीस नैशनल बैंक की रपट में काले धन पर अंकुश लगाने के केन्द्र की मोदी सरकार के दावों की हवा सरका दी है। पिछले 4 सालों में पहली बार स्विस बैंक में जमा भारतीयों का धन पिछले 1 साल के भीतर 1 अरब स्विस फैंक के दायरे में जा पहुंचा है। यह आंकड़ा 1 साल पहले की तुलना में 50 फीसदी वृद्धि को दर्ज कर रहा है। राणा ने चुटकी लेते हुए कहा कि काले धन पर अंकुश लगाने में पूरी तरह से नाकाम मोदी सरकार काला धन तो ला नहीं सकी लेकिन देश का धन स्विस बैंकों में पहुंच कर जरुर काला हो गया। उन्होंने कहा कि नोटबंदी के बाद सरकार की तरफ से दावा किया जा रहा था कि उनके इस फैसले से काला धन खत्म हो जाएगा। नोटबंदी की त्रासदी इस देश ने आर्थिक आपातकाल के रूप में झेली है लेकिन अभी तक ऐसा कुछ नहीं हुआ कि काले धन की फुटी कौडी भी देश में वापिस लाने पर सरकार कामयाब हुई हो। काले धन लाने का मोदी का वायदा पूरी तरह हवा-हवाई साबित हुआ है। उल्टा लाने के बजाय भारत से काला धन बाहर जाने का आंकड़ा 50 फीसदी बढ़ गया। जो कि यह साबित करता है कि सरकार ने जनादेश ठगने के लिए जो वायदे जनता से किए थे, उन वायदों पर सरकार पूरी तरह से नाकाम रही है। इस तरह से देश की अर्थव्यवस्था पताल की ओर अग्रसर है। अपने मुंह मियां मिठू बनने वाले मोदी सरकार पूरी तरह दिशाहीन व मौका परस्त साबित हुई है। जिसके साथ अब अधिकांश देश संबंध रखने में दिलचस्पी नहीं रख रहे हैं। क्योंकि वह जानते हैं कि भारत की सरकार पूरी तरह गपौडसंख है। नौकरियों का झांसा देकर बेरोजगारों को कागजी चौकीदार बनाने वाले यह पहले प्रधानमंत्री हैं, जिनके राज में सबसे ज्यादा नौकरियां छीनी गई हैं। काला धन लाने के जुमले पर सत्ता हासिल करने वाले मोदी विदेशों से तो काला धन नहीं ला सके। उल्टा अपने राज में विश्व बैंक से अब तक का सबसे बड़ा कर्ज लेकर आए हैं और अब आलम यह है कि हर भारतीय नागरिक पर 25251 रुपए का कर्जदार हो चुका है। कंगाल हो चुके देश में विश्व बैंक की ओर से चौंका देने वाले लाखों मिलियन डॉलर के कर्जे का खुलासा हो रहा है। राणा ने कहा कि यही हाल रहा तो जल्द ही इस देश पर आर्थिक संकट आ सकता है। जबकि इस सबसे बाखबर होते हुए प्रधानमंत्री मोदी विदेश यात्राओं व विज्ञापनों पर अरबों रुपए खर्चने में मशहुर हैं।
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