कहा : मौसम खराब रहने की चेतावनी मिलने के बाद भी हाथ पर हाथ धरे बैठी रही सरकार, आपदा प्रबंधन पर सरकार की सुजानपुर के विधायक राजेंद्र राणा ने उधेड़ी बखियां
हमीरपुर : जनवरी : सुजानपुर के विधायक एवं वरिष्ठ नेता राजेंद्र राणा ने बर्फबारी के बाद फैली अव्यवस्थाओं पर आपदा प्रबंधन को लेकर प्रदेश सरकार की जमकर आलोचना की है। उन्होंने आपदा प्रबंधन को लेकर सरकार की बखियां उधेड़ते हुए कहा कि मौसम विभाग द्वारा पहले ही मौसम के खराब होने की चेतावनी दे दी थी लेकिन सरकार सब कुछ जानते हुए भी सुस्त बैठी रही।
जारी प्रैस ब्यान में उन्होंने कहा कि जनता की सहूलियत के लिए कोई वैकल्पिक व्यवस्था नहीं की गई और अब सिर पर ओले गिरने के बाद भी सरकार जाग नहीं रही है। केवल आदेश व निर्देशों के बाद हाथ पर हाथ धरे बैठी है। उन्होंने कहा कि हिमाचल की जनता अवरूद्ध सडक़ों, बिजली व पानी की अव्यवस्था से बेहाल हो गई है। उन्होंने कहा कि बर्फबारी के बाद हालात बदहाल हो चुके हैं। कांगड़ा, शिमला, किन्नौर, मंडी, चम्बा, कुल्लू व लाहुल-स्पिति के ज्यादातर हिस्सों में बिजली गुल है तथा 3 हजार के करीब बिजली ट्रांसफार्मर बंद पड़े हुए हैं। प्रदेश में आधा दर्जन एन.एच. सहित 8 सौ से ज्यादा सडक़ें अवरुद्ध पड़ी हैं लेकिन सरकार कोई व्यवस्था नहीं कर पा रही है। उन्होंने कहा कि हिमपात के बाद से 200 के करीब पेयजल योजनाएं प्रभावित हो गई है तथा प्रदेश भर में 1 हजार से ज्यादा बस रूट ठप्प पड़े हुए हैं।
ऊपरी हिमाचल में खाद्य व पेय पदार्थों की कमी से जनता को दो-चार होना पड़ रहा है। उन्होंने कहा कि ऐसी परिस्थितियों में भी प्रदेश सरकार सोई हुई है। केवल व्यवस्थाएं बनाने की झूठी बातें कही जा रही हैं। उन्होंने कहा कि आपदा प्रबंधन की पूरी तरह से हवा निकल चुकी है तथा ऐसा लग नहीं रहा है कि आपदा से निपटने के लिए कोई पहल की गई हो। उन्होंने कहा कि मौसम विभाग की ओर से बर्फबारी होने व मौसम के खराब होने की चेतावनी मिलने के बाद सरकार को युद्ध स्तर पर पुख्ता इंतजाम करने चाहिए थ लेकिन सरकार की अफसरशाही पर कोई पकड़ न होने के कारण हालात बदतर हो चुके हैं। उन्होंने कहा कि पहली बार ऐसी सरकार प्रदेश की जनता को मिली हुई है जिसमें प्रबंधन नाम की कोई चीज ही नहीं है।
प्रदेश की राजधानी में ही हालात खराब बने हुए हैं जिससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि प्रदेश के शेष जिलों व हिस्सों में हालात कैसे होंगे