शिमला — हिमाचल प्रदेश विधानसभा में बुधवार को भरमौर के विधायक डॉ. जनक राज ने नियम 62 के तहत किलाड़ बालिका आश्रम में नाबालिग से दुराचार का गंभीर मामला उठाया। उन्होंने आरोप लगाया कि इस संवेदनशील घटना को दबाने की कोशिश की गई और दोषियों पर अब तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई है।
विधायक ने कहा कि अनाथ बच्चों को मुख्यमंत्री द्वारा “चिल्ड्रन ऑफ द स्टेट” घोषित किया गया है, लेकिन दुख की बात है कि इन्हीं बच्चों के साथ अन्याय हो रहा है। उन्होंने बताया कि आश्रम में नाबालिग से दुराचार कर उसे गर्भवती कर दिया गया और बाद में मामले को छिपाने के लिए उसकी शादी किसी और से करवा दी गई।
जनक राज ने सदन में कहा कि पांगी दौरे के दौरान जब उन्हें इस घटना की जानकारी मिली, तो उन्होंने तुरंत डीसी और अधिकारियों को कार्रवाई करने को कहा। इसके बाद एफआईआर तो दर्ज हुई, लेकिन बालिका आश्रम प्रबंधन और अन्य जिम्मेदार लोगों पर अब तक कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया।
उन्होंने महिला आयोग और अनुसूचित जनजाति आयोग से भी मामले की निष्पक्ष जांच और दोषियों पर कड़ी कार्रवाई की मांग की।