शिमला — हिमाचल प्रदेश विधानसभा अध्यक्ष कुलदीप सिंह पठानियां ने सदन में मौजूद सभी सदस्यों को कौंसिल चैम्बर के 100 वर्ष पूर्ण होने पर बधाई दी। उन्होंने कहा कि यह भवन हमारी लोकतांत्रिक विरासत का गौरव है, जिसने अनेक ऐतिहासिक क्षणों को अपने भीतर समेट रखा है।
पठानियां ने बताया कि कौंसिल चैम्बर का लोकार्पण 20 अगस्त, 1925 को तत्कालीन वायसराय लॉर्ड रीडिंग ने किया था। लगभग ₹8.5 लाख की लागत से बने इस भवन को ब्रिटिश काल की अंतिम वास्तुशिल्पीय धरोहरों में गिना जाता है। इसकी रूपरेखा तय करने के लिए पंद्रह विधायकों की एक समिति ने गहन विचार-विमर्श किया था।
उन्होंने कहा कि इस भवन की दीवारें कभी केंद्रीय विधान सभा की कार्यवाही और विठ्ठलभाई पटेल व मोतीलाल नेहरू जैसी महान हस्तियों की गरिमा की साक्षी रही हैं। स्वतंत्रता के बाद यहाँ पंजाब और हिमाचल सरकार के सचिवालय, आकाशवाणी के स्टूडियो तथा 1 अक्तूबर, 1963 को आयोजित हिमाचल विधानसभा के पहले सत्र का इतिहास दर्ज है।
अध्यक्ष ने यह भी उल्लेख किया कि तत्कालीन बर्मा सरकार द्वारा उपहार में दी गई ऐतिहासिक अध्यक्ष पीठ आज भी हिमाचल प्रदेश विधानसभा की कार्यवाही की शोभा बढ़ा रही है। उन्होंने इसे हमारे अतीत की भव्यता और लोकतांत्रिक वर्तमान के बीच एक सशक्त सेतु बताया।