नेताओं पर लगाया मनमानी का आरोप
रेणुका गौतम, कुल्लू : जिला कुल्लू के धार्मिक स्थल रूप में प्रसिद्ध श्री बिजली महादेव के लिए जब से रोपवे लगाने की बात शुरू हुई है, तभी से लेकर इसका विरोध भी शुरू हो गया है। अब, जब रोपवे बनाने का कार्य शुरु हो गया है और जंगलों में पेडों की कटाई हो रही है। तो क्षेत्र के निवासियों द्वारा विरोध प्रदर्शन पुनः तेज़ हो रहा है। आज भी इसी बात जो लेकर खराहल घाटी में स्थित श्री बिजली महादेव मंदिर के आसपास के गांवों के लोग रामशिला प्रर्दशन करने पंहुचे और रोकने के खिलाफ जमकर नारेबाजी की।
स्थानीय निवासियों का कहना है कि अब तक जिस तरह से रोपवे के लिए इतनी बड़ी तादाद में जंगल के हरे-भरे पेड़ों की बलि दी जा रही है वह किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं किया जा सकता। इससे जहां प्रकृति को नुकसान है, वहीं आने वाले समय में क्षेत्र के लोगों को प्राकृतिक आपदा के रूप में खामियाजा भी भुगतना पड़ सकता है। उन्होंने कहा कि वह पहले भी इस रोपवे के विरोध में थे और अब भी इसके विरोध में है। साथ ही उन्होंने यहां तक कहा कि यह धार्मिक स्थल है अतः ऐसे कार्य करने के लिए सर्वप्रथम परंपरा अनुसार देवता की आज्ञा जरूरी है, जबकि गुरु के माध्यम से यह आज्ञा अब तक नहीं मिली है। अतः उनका कहना है कि देव भाग्य के खिलाफ कोई भी कम नहीं उठाया जाना चाहिए।
स्थानीय लोगों ने बताया कि पेड़ों की हो रही अंधाधुंध कटाई को लेकर उन्होंने अपना रोष सामने रखा था इसी बात को लेकर जिला फारेस्ट ऑफिसर, ठेकेदार और कंपनी के नुमाइंदों के साथ आज उनकी मीटिंग रखी गई थी। ताकि समस्या का समाधान निकाल सके। इसके लिए लोग एक स्थान पर एकत्रित भी हुए, लेकिन वह खुद को ठगा हुआ महसूस कर रहे हैं। क्योंकि न तो कोई कंपनी की ओर से उनसे बात करने कोई आया, न कोई फारेस्ट अधिकारी और न ही कोई ठेकेदार। गुस्से में लाल ग्रामीणों का यहां तक कहना है कि यह कार्य सिर्फ और सिर्फ राजनीतिक रोटियां सेंकने के लिए किया जा रहा है। लेकिन ग्रामीण किसी की भी बातों में नहीं आने वाले और देव आज्ञा के विरुद्ध क्षेत्र में कुछ भी नहीं होने देंगे।