Tuesday, March 11, 2025
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अटल सदन सम्मेलन कक्ष माह में एक बार होगा साहित्यिक संस्थाओं हेतू उपलब्ध : डॉ. पंकज ललित

कुल्लू साहित्य उत्सव 2025 संपन्न

रेणुका गौतम, कुल्लू : “शिमला के गेयटी थिएटर की तर्ज पर अटल सदन में कान्फ्रेंस हाॅल पंजीकृत साहित्यिक संस्थाओं को माह में एक बार निःशुल्क उपलब्ध करवाया जाएगा, जिससे साहित्यिक एवं सांस्कृतिक गतिविधियों को बल मिलेगा,” यह बात भाषा-संस्कृति विभाग के निदेशक डाॅ. पंकज ललित ने कही। वह प्रतिष्ठित 3 दिवसीय कुल्लू साहित्य उत्सव-2025 के समापन समारोह में बतौर मुख्यातिथि शामिल हुए।

इस महत्त्वपूर्ण साहित्य उत्सव में जहां विविध विषय-विशेषज्ञों ने उत्सव के प्रमुख विषय भक्ति काल में सूफी एवं निर्गुण साहित्य तथा पर्यावरण एवं योग विषय पर अपने वक्तव्य प्रस्तुत कर विषय संदर्भ एवं समसामयिक विषयों का लेकर अपने वक्तव्य प्रस्तुत किए। वहीं विभिन्न महाविद्यालयों एवं विश्वविद्यालय के विद्यार्थियों एवं शोधार्थियों अपने भागीदारी सुनिश्चित की। यह कार्यक्रम हिमतरु प्रकाशन समिति एवं भाषा एवं संस्कृति विभाग के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित किया गया।कुल्लू साहित्य उत्सव-2025 के समापन अवसर पर भाषा एवं संस्कृति विभाग के निदेशक डाॅ. पंकज ललित ने आयोजकों का सफल समारोह की बधाई देते हुए कहा कि इस कार्यक्रम का स्तर, गुणवत्ता, वक्ताओं का चयन काबिल-ए-तारीफ है तथा एक यह एक बहेतरीन आयोजन रहा। उन्होंने कहा कि लेखक समाज में जिन चीजों की तरफ पाठक वर्ग का ध्यान आकर्षित करवाता है, उससे वे हमारा ध्यान खींचते हैं, जिससे सामाजिक कुरुतियों व एक सजग नागरिक की भूमिका सुनिश्चित होती है।

डाॅ. पंकज ललित ने कहा कि वर्तमान समय में हमें सब चीजों पर ध्यान से मनन करने की आवश्यकता है। इसके लिए महत्त्वपूर्ण यह है कि लेखक जब भी किसी विषय पर आलेख लिखे या पूरी पुस्तक लिखे तो उसको मूर्त रूप देने से पूर्व किसी बुद्धिजीवी से उसकी समीक्षा करवा ले। ताकि एक बेहतर कृति पाठक के समक्ष प्रकाशित होकर सामने आ सके। उन्होंने इस संदर्भ में प्रसिद्ध साहित्यकार रामचंद्र गुहा की पुस्तकों की बेहतरीन एडिटिंग की भी बात की। उन्होंने कहा कि पाठकों के लिए लिखना-पढ़ना जितना ज़रूरी है, उसे पाठक तक पहुंचाना भी उतना ही आवश्यक है तथा तैयार लेखन सामग्री को बेहतरीन रुप कैसे पाठकों तक ले पहुंचाना है, यह भी अच्छे लेखक की जिम्मेवारी है। उन्होंने हिमाचल प्रदेश सरकार द्वारा लेखकों, पाठकों, प्रकाशकों एवं विभिन्न संस्थाओं के लिए चलाई जा रही विभिन्न योजनाओं के बारे में विस्तृत जानकारी दी। पंकज ललित ने कहा कि शिमला के गेयटी थिएटर की तर्ज पर अटल सदन में कान्फ्रेंस हाॅल पंजीकृत साहित्यिक संस्थाओं को माह में एक बार निःशुल्क उपलब्ध करवाया जाएगा, जिससे साहित्यिक एवं सांस्कृतिक गतिविधियों को बल मिलेगा।

इस अवसर पर कुल्लू साहित्य उत्सव कोर कमेटी के प्रमुख डाॅ. निरंजन देव शर्मा ने जानकारी दी कि इस आयोजन में कुल पांच प्रमुख वक्तओं ने विषय संदर्भ में अपने वक्तव्य प्रस्तुत किये जबकि वर्ष 2024-25 के दौरान प्रकाशित तीन पुस्तकों; अजेय की पुस्तक ‘रोहतांग आर-पार’, ईशिता आर गिरीश की पुस्तक ‘सपनों का ट्रांसमिशन’ तथा किशन श्रीमान की पुस्तक ‘देव नगरी’ को लेकर चर्चा की गई।समापन अवसर पर हिमतरु के तमाम पदाधिकारी एवं सदस्यगण, कुल्लू साहित्य उत्सव के तमाम पदाधिकारी एवं सदस्यगण, जिला भाषा अधिकारी प्रोमिला गुलेरिया व अन्य गणमान्य व्यक्ति मौजूद रहे।

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