Friday, November 22, 2024
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शिमला पहुंचा सबसे खतरनाक नशा.. कहां से जुड़े है तार जांच जारी

शिमला: रेव पार्टियों में इस्तेमाल होने वाला खतरनाक नशा मिथाइल एनेडियोक्सी मेथामफेटामाइन (एमडीएमए) अब शिमला भी पहुंच चुका है। इसे बोलचाल की भाषा में पार्टी ड्रग भी कहा जाता है। शिमला पुलिस ने इसके दो मामले दर्ज किए हैं। हालांकि ये दोनों मामले करीब दो सप्ताह पुराने हैं, लेकिन पुलिस ने इसका अभी तक खुलासा नहीं किया है। पुलिस ने इस नशे के साथ जिन आरोपितों को पकड़ा है उनसे पूछताछ चल रही है। पुलिस इसकी पूछताछ कर रही है कि आरोपितों को किसने इन्हें नशा मुहैया करवाया था।
शिमला में अभी तक चिट्टे का नशा काफी पकड़ा जा रहा है, ऐसे में एमडीएमए नशे के मामले सामने आने के बाद पुलिस भी सकते में है। यह नशा इससे भी खतरनाक है। पुलिस सूत्रों के मुताबिक यह नशा काफी महंगा है। इसकी कीमत ग्राम में भी एक से तीन हजार रुपये के करीब है। यह नशा ज्यादातर रेव पार्टियों में इस्तेमाल होता है।
एमडीएमए एक घातक रासायनिक नशीला पदार्थ है। पार्टियों में इसके बढ़ते प्रचलन के कारण कई युवा पान-मसाला व तंबाकू के साथ इसका सेवन करते हैं। इसका नशा दिमाग पर बहुत बुरा प्रभाव डालता है।
रेव पार्टियों में उपयोग होने वाले एमडीएमए का नशा 10 से 12 घंटे रहता है। एक ग्राम से 10 से 12 पुडिय़ां तैयार होती हैं। बड़े महानगरों का एमडीएमए ड्रग अब शिमला में पहुंच चुका है।
एसपी शिमला डाक्‍टर मोनिका भटुंगरु का कहना है एमडीएमए नशे के मामले शिमला में पकड़े गए हैं। इन युवाओं को किसने नशा मुहैया करवाया था इसकी जांच चल रही है। पुलिस जल्द ही मुख्य सप्लायर को गिरफ्तार कर लेगी।

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