शिमला: पर्वतारोही और एथलीट बलजीत कौर के माउंट एवरेस्ट को फतह करने के सपने को पंख देते हुए रॉडिक कंसल्टेंट्स उनके मिशन और प्रशिक्षण को सपोर्ट करने के लिए स्पांसर करेगी हाल ही में उन्होंने इसकी घोषणा की है। देश भर के एथलीटों के लिए आशा की किरण बलजीत पहले ही भारत और नेपाल में 11 चोटियों पर चढ़ाई कर चुकी हैं और अब वह इस साल माउंट एवरेस्ट पर चढ़ने के लिए तैयार हैं। स्पांसरशिप मिलने पर पर्वतारोही ने रॉडिक कंसल्टेंट्स को धन्यवाद दिया और कहा कि यह सपोर्ट महिला एथलीटों को प्रोत्साहित करने और भारत में एडवेंचर स्पोर्ट्स को बढ़ावा देने के लिए एक बेहतरीन प्रयास है और यह अन्य लोगों को प्रेरित करेगा। यह साहसी और युवा पर्वतारोही माउंट एवरेस्ट पर चढ़ने से पहले उत्तर.मध्य नेपाल में माउंट अन्नपूर्णा पर भी चढ़ाई करेंगी।बलजीत हिमाचल प्रदेश के सोलन जिले के एक छोटे से पहाड़ी गांव से हैं। ग्रामीण परिवेश के बावजूद वह अपने शानदार करियर में दुनिया के 7वें सबसे ऊंचे पर्वत, माउंट धौलागिरी (8167 मीटर) माउंट पुमोरी (7161 मीटर)और उत्तरी हिमालय के कई पहाड़ों को फतह करने वाली पहली भारतीय महिला बन गई हैं। उनके पिता सरदार अमरीक सिंह हिमाचल राज्य परिवहन निगम के एक सेवानिवृत्त बस चालक हैं और वर्तमान में माइक्रो खेती में लगे हुए हैं और उनकी माँ शांति देवी एक गृहिणी हैं। कई असफलताओं के बावजूद वह लगातार पहाड़ों की चढ़ाई पूरी करने पर ध्यान केंद्रित कर रही हैं जिसके लिए वह अपने कौशल के लिए अच्छी.खासी लोकप्रियता हासिल कर रही है।
राजकुमार,चेयरमैन और मैनेजिंग डायरेक्टर, रोडिक कंसल्टेंट्स ने इस विषय पर अपने विचार सांझा करते हुए कहा कि बलजीत की प्रेरक यात्रा और उनके मिशन का हिस्सा बनकर हम वाकई खुश और गौरवान्वित हैं। उनकी कहानी युवा एथलीटों के लिए एक प्रेरणा है विशेष रूप से उन वंचित पृष्ठभूमि के लोगों के लिए जो अपने सपने को पूरा करने की कोशिश से डरते हैं। बलजीत का दृढ़ संकल्प और सफलता उन्हें एडवेंचर स्पोर्ट्स में करियर बनाने के लिए प्रोत्साहित करेगी। हमारा मानना है कि उनकी उपलब्धियां भारतीय युवाओं को एडवेंचर स्पोर्ट्स में आगे बढ़ने के लिए भी प्रेरित करेंगी।
इस स्पॉन्सरशिप के बारे में बताते हुए पर्वतारोही बलजीत कौर ने कहा में रॉडिक कंसल्टेंट्स को उनके इस सपोर्ट के लिए आभारी हूं। मेरा मानना है कि यह आज के युवाओं को एडवेंचर स्पोर्ट्स में सक्रिय होने के लिए प्रेरित करने और सबसे महत्वपूर्ण रूप से प्रकृति के साथ जुड़ने के अलावा एडवेंचर स्पोर्ट्स के माध्यम से प्रतिबद्धता, साहस और आत्मविश्वास जैसे प्रमुख व्यक्तित्व के गुणों को बढ़ावा देते हुए उनमें रोमांच की भावना को जगाने में बहुत मदद करेगा। पर्वतारोही उस युवा पीढ़ी के लिए एक प्रेरणा है जो स्कूल और कॉलेजों में पढ़ती हैं। वह युवा पर्वतारोहियों का मार्गदर्शन और सलाह देने के लिए कॉर्पोरेट क्षेत्र में एक जाना.माना चेहरा भी हैं। भारत के पूर्व रक्षा मंत्री स्वर्गीय मनोहर पर्रिकर द्वारा उन्हें रक्षा मंत्री पदक से सम्मानित भी किया जा चुका है।