शिमला : हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर ने गुरुवार को कहा कि सरकार अवैध पटाखा फैक्ट्री और मंडी शराब कांड के आरोपियों को उचित सजा सुनिश्चित करेगी।
ऊना जिले में एक अवैध पटाखा फैक्ट्री में हुए विस्फोट पर कांग्रेस, माकपा सदस्यों ने चिंता व्यक्त की जिस पर मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने कहा कि मंडी शराब कांड में 36 लोगों को गिरफ्तार किया गया था और उनमें से किसी को भी जमानत नहीं दी गई है।इसी से आप अंदाजा लगा सकते है कि सरकार ऐसे कृत्य के लिए कितनी सख्त है । इस विषय में सरकार किसी को भी नहीं बख्शेगी चाहे उसकी राजनीतिक संबद्धता हो चाहे वह सत्ताधारी हो या विपक्षी दल।
उन्होंने कहा कि अवैध पटाखा फैक्ट्री मामले में राज्य सरकार ने अधिकारियों को 7 दिनों के भीतर जांच पूरी करने का निर्देश दिया है और भविष्य में इस तरह की अनियमितता न हो, यह सुनिश्चित करने के लिए उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।
मुख्यमंत्री ने बताया कि ऊना जिले के टाहलीवाल औद्योगिक क्षेत्र के बथरी क्षेत्र में छह महिलाओं की मौत हुई है, जबकि 14 घायलों में 11 की हालत गंभीर है।
“जिस कारखाने में विस्फोट हुआ था, उसका मालिक अभी भी फरार है और IPC की धारा 286, 337, 304A और विस्फोटक अधिनियम की धारा 9 (C) के तहत मामला दर्ज किया गया है। मालिक ने इसआद्योगिक इकाई चलाने की अनुमति नहीं ली थी और निरीक्षण के बाद, एक और ऐसा उद्योग मौके से 100 मीटर दूर काम कर रही था । जिसे तुरंत प्रभाव से सील कर दिया गया है ।
मुख्यमंत्री ने कहा कि इस के इलावा एक एसआईटी का गठन किया गया है जिसका नेतृत्व सुमेदा द्विवेदी, डीआईजी रेंज, विमुक्त रंजन, कमांडेंट प्रथम आईआरबीएन बांगड़ और एसपी ऊना अरिजीत सेन ठाकुर टीम के सदस्य के रूप में कर रहे हैं।
उन्होंने कहा कि एसआईटी ने मौके का निरीक्षण किया है और मौके से महत्वपूर्ण भौतिक, दस्तावेजी और अन्य सबूत जब्त किए गए हैं। बम निरोधक दस्ते ने भी घटनास्थल का निरीक्षण कर विस्फोट के कारणों और विस्फोटक के प्रकार की पुष्टि की है।
यह पाया गया कि आग के किसी भी खतरे को रोकने के लिए कोई सुरक्षा उपाय नहीं थे और दुर्घटना प्रबंधक की ओर से लापरवाही के कारण हुई।
मुख्यमंत्री ने कहा कि कंपनी नोवाटेक इंजीनियर्स जिसका बाद में गुरुजी इंटरप्राइजेज में विलय हो गया था, को बिना किसी अनुमति के अवैध रूप से चलाया जा रहा था। फैक्ट्री प्रबंधक दीपक कुमार राणा को 23 फरवरी को गिरफ्तार किया गया है और एक कार और एक लैपटॉप के अलावा 1,905 किलो बारूद और 90 लीटर पेंट जब्त किया गया है।
इस बीच, उद्योग मंत्री बिक्रम सिंह ने कहा कि कंपनी मेसर्स नोवाटेक इंजीनियर्स ने भूमि किरायेदारी और सुधार अधिनियम, 1972 के तहत धर्म कांटा और स्टील आरसीसी के निर्माण के लिए मंजूरी ले ली थी।
हालांकि, इसने कथित तौर पर अवैध रूप से पॉप-पॉप पटाखों का निर्माण शुरू कर दिया, जिसके लिए इसकी कोई अनुमति नहीं थी और यूनिट को बिजली की आपूर्ति के लिए एक जनरेटर का इस्तेमाल किया जा रहा था।
उन्होंने कहा कि नियोक्ता को कर्मचारी मुआवजा अधिनियम, 1923 के तहत मृतक के आश्रितों को मुआवजा देने का निर्देश दिया जाएगा।
इससे पहले विपक्ष के नेता मुकेश अग्निहोत्री ने कहा कि यदि राज्य में कोई अवैध कारखाना चल रहा है तो इसकी जानकारी संबंधित विभाग के साथ-साथ स्थानीय प्रशासन और स्थानीय पुलिस को भी होनी चाहिए।
उन्होंने लाइन विभागों के संबंधित अधिकारियों की जिम्मेदारी तय करने का आग्रह करते हुए कहा कि कांग्रेस शासन के दौरान धर्म कांटा स्थापित करने के लिए नोवाटेक इंजीनियर्स को राज्य में पंजीकृत किया गया था।