कुल्लू : समुद्र तल से 13050 फीट ऊंचा विश्व प्रसिद्ध पर्यटक स्थल रोहतांग दर्रा फोर बाई फोर और छोटे वाहनों के लिए भले ही बहाल हो गया है, लेकिन कोरोना के चलते इस बार सैलानियों की आवाजाही नाममात्र ही है। पर्यटन कारोबारियों को उम्मीद है कि कोरोना संक्रमण के मामलों में कमी आने के बाद पर्यटक मनाली का रुख करेंगे। सीमा सड़क संगठन के जवान माइनस तापमान के बीच शुक्रवार देर रात तक रोहतांग दर्रा की बहाली में जुटे रहे। अब पर्यटक चारों ओर बर्फ से घिरे रोहतांग दर्रे का दीदार कर सकेंगे। पर्यटन कारोबारियों को रोहतांग के खुलने से पर्यटकों के आने की उम्मीद जगी है। अटल टनल रोहतांग बनने से पहले लाहौल घाटी के लोगों को भी दर्रा खुलने का बेसब्री से इंतजार रहता था। पूर्व में रोहतांग दर्रा बंद रहने पर घाटी पांच-छह महीने तक विश्व से अलग-थलग पड़ जाती थी। सेना के कानवाई भी रोहतांग दर्रा खुलने के बाद लेह की ओर आवाजाही करती थी। बता दें कि रोहतांग दर्रा बहाली का कार्य मार्च में शुरू हुआ था। अप्रैल के अंत में पुन: बर्फबारी ने अभियान को बाधित किया। बीआरओ के अधिकारियों का कहना है अब रोहतांग दर्रा होकर पर्यटक व तेल के टैंकरों की आवाजाही हो सकती है। सीमा सड़क संगठन 94 के ओसी दीपक भगत ने रोहतांग दर्रा के वन वे ट्रैफिक के लिए बहाल होने की पुष्टि की है।