सीएम जयराम ठाकुर ने किया पाल वर्मा के नाम का ऐलान, सब हुए सहमत
भड़याल वार्ड से बतौर जिला परिषद चुनकर आए हैं पाल वर्मा
बासा वार्ड से चुनकर आए मुकेश चंदेल को बनाया गया उपाध्यक्ष
पाल वर्मा ने अपनी ताजपोशी के लिए जताया पार्टी हाईकमान का आभार
मंडी : किस्मत कब और कैसे बदल जाए, कोई नहीं जानता। हाल ही में संपन्न हुए पंचायत चुनावों में भाजपा प्रत्याशी के खिलाफ चुनाव लड़ रहे पाल वर्मा को शायद इस बात का इल्म भी नहीं होगा कि संगठन के खिलाफ खड़े होकर चुनाव लड़ने के बदले में उन्हें अध्यक्ष पद का तोहफा मिल जाएगा। सीएम के गृहजिला मंडी में भाजपा समर्थित 27 प्रत्याशी चुनकर आए हैं। अध्यक्ष और उपाध्यक्ष के चयन को लेकर खुद सीएम जयराम ठाकुर मंडी पहुंचे और दो दिनों तक लंबे मंथन के बाद पाल वर्मा का नाम तय किया गया। पाल वर्मा पूर्व में भाजयुमो के जिलाध्यक्ष और प्रदेश के प्रवक्ता रह चुके हैं। वर्तमान में उनके पास कोई दायित्व नहीं है। पंचायत चुनावों में भाजपा ने भड़याल वार्ड से अनिल सैनी को अपना प्रत्याशी बनाया था। लेकिन पाल वर्मा पार्टी प्रत्याशी के खिलाफ मैदान में कूद गए और जीत हासिल की। जब अध्यक्ष और उपाध्यक्ष के चयन की बारी आई तो बिहारी लाल शर्मा का नाम चर्चाओं में रहा। लेकिन अंत में सीएम जयराम ठाकुर ने पाल वर्मा का नाम लेकर सारी चर्चाओं पर पूर्णविराम लगा दिया। आज जिला परिषद के नवनिर्वाचित सदस्यों को शपथ दिलाने के बाद अध्यक्ष और उपाध्यक्ष का चुनाव भी संपन्न हो गया। जिसमें पाल वर्मा को अध्यक्ष और मुकेश चंदेल को उपाध्यक्ष चुना गया। जल शक्ति मंत्री महेंद्र सिंह ठाकुर अन्य विधायकों के साथ नवनिर्वाचित अध्यक्ष को बधाई देने खुद सभागार में पहुंचे। उन्होंने सभी मतदाताओं का भाजपा समर्थित प्रत्याशियों के चयन के लिए आभार जताया और सभी नवनिर्वाचित सदस्यों को सरकार की तरफ से हर संभव सहयोग का भरोसा दिलाया।
पाल वर्मा ने किया पार्टी का धन्यवाद
वहीं नवनियुक्त जिला परिषद अध्यक्ष पाल वर्मा ने अपनी ताजपोशी के लिए मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर, जल शक्ति मंत्री महेंद्र ंिसंह ठाकुर और पार्टी हाईकमान का आभार जताया। पाल वर्मा ने कहा कि सरकार की नीतियों को जन-जन तक पहुंचाया जाएगा और जिला परिषद के माध्यम से विकास के कार्यों को और गति प्रदान की जाएगी।
बता दें कि 36 सदस्यों वाली जिला परिषद मंडी में भाजपा समर्थित प्रत्याशियों की संख्या 27 के करीब है जबकि बाकी कांग्रेस और कामरेड हैं। अध्यक्ष और उपाध्यक्ष के चुनाव की प्रक्रिया में कांग्रेस और कामरेड़ों ने भाग नहीं लिया।