शिमला : हिमाचल भाजपा में लंबे समय से अंदरखाते घमासान की स्थिति बनी हुई है । मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर के सरकार बनाने के बाद प्रदेश में संगठनात्मक बदलावों के बाद संगठन में बनी कार्यकारणी मोर्चो और जो भी संगठन का प्रारूप है उनमें बने पदाधिकारियों में वर्चस्व की लड़ाई प्रतीत होती है । संगठन में आज हर कोई कार्यकर्ता न बन कर पदाधिकारी बन अपनी धौंस बताना चाहता है ।संगठन में चुनिंदा महिलाओं के दबदबे के बीच अब कुछ महिलाओं को किनारे लगाने की कवायद भी शुरू हो गई है। सरकार व संगठन में दबदबे को लेकर प्रदेश महिला मोर्चा में एक अरसा से घमासान छिड़ा हुआ है और एक दूसरे के खिलाफ सोशल मीडिया में लिखने से भी गुरेज नही कर रही है।
इस आपसी रंजिश और घमासान की जानकारी केंद्र सरकार व संगठन के हाई कमान तक न पहुंचे ऐसे में आज प्रदेश भाजपा अध्यक्ष सुरेश कयश्प ने कुछ पदाधिकारियों पर अनुशासनात्मक कार्यवाही करदी है। प्रदेश अध्यक्ष सुरेश कश्यप ने प्रदेश आइटी प्रकोष्ठ व सोशल मीडिया की प्रभारी अर्चना ठाकुर और मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर की करीबी व जिला कुल्लू महिला मोर्चा की अध्यक्षा मनीषा सूद को इनके पदों से हटा दिया है। पार्टी सूत्रों के मुताबिक इन दोनों के बीच काफी समय से सोशल मीडिया पर जंग छिड़ी हुई थी। इनकी आपसी लड़ाई में कुल्लू जिला के प्रभारी अजय बौद्ध भी आ गए व उन्हें भी दायित्व से मुक्त कर दिया है।
इसके अलावा शिमला की बात करें तो यहां भी महिला मोर्चा में घमासान चला हुआ है और प्रदेश महिला मोर्चा की कोषाघ्यक्ष व शिमला नगर निगम की पूर्व महापौर मधु सूद, के अलावा किरण बाबा,मनीषा सूद, मनू समेत पांच महिलाओं ने महिला मोर्चा से इस्तीफे दे दिए है।हालांकि सबने अपने इस्तीफे को लेकर अलग-अलग निजी कारण बताए है लेकिन सूत्रों के हवाले से कहा जा रहा है कि इनका भाजपा महिला मोर्चा के शीर्ष नेतृत्व से समन्वय नही बैठ पा रहा।
भाजपा सरकार के इस कार्याकाल में कहीं न कहीं महिला शक्ति अपने रुतबे ओर पहुंच का इस्तेमाल करती नजर आ रही है । इनके प्रभाव के नमूने कभी संगठन तो कभी सरकार में देखने को मिल रहे हैं। कोई सरकार से काम झटकने में कामयाब हो रही है तो कोई अपने मनमुताबिक अधिकारियों की ताजपोशी तक में दखलअंदाजी कर रही है।
सूत्रों के अनुसार कुछ समय पहले आरएसएस के एक धड़े ने इस बात पर सवाल उठाए थे लेकिन उनको नजरअंदाज कर दिया गया । अब कोई इस प्रकार की चर्चा खुले आम नही करता पार्टी में भी कोई कुछ नहीं कहता जबकि गाहे बगाहे इन बातों को कोई पचा नही पा रहा । अब जबकि मामले सोशल मीडिया में उठने लगे तो नए भाजपा अध्यक्ष सुरेश कश्यप हरकत में आए और ये कार्यवाही कर दी है। अनुशासनात्मक कार्यवाही के डर से संगठन विरोधी कार्य कितने समय रुकते हैं ये तो आने वाला समय ही बताएगा।
महिला मोर्चा के अलावा सुरेश कयश्प ने विधानसभा सचेतक व विधायक नरेंद्र बरागटा के करीबी और जुब्बल कोटखाई भाजपा मंडल के प्रेस सचिव राजीव मेहता को भी इस जिम्मेदारी से मुक्त कर दिया है। मंत्रिमंडल विस्तार के बाद वह सोशल मीडिया पर ज्यादा सक्रिय हो गए है। उन्हें सचिव पद से हटाकर बरागटा को भी संदेश दे दिया है।इसके अलावा जुब्बल कोटखाई के किसान मोर्चा के मीडिया प्रभारी रमन देष्टा और जिला बिलासपुर के भाजयुमो के महासिचव मनोज चंदेल को भी उनके पद से हटा दिया है।
बीते रोज भाजपा प्रदेशाध्यक्ष भाजपा आइटी प्रकोष्ठ के पूर्व प्रदेश संयोजक रवि राय राणा को पार्टी की प्राथिमक सदस्यता से बाहर कर दिया था।
इन तमाम भाजपाइयों के खिलाफ कार्यवाही करने के बाद भाजपा अध्यक्ष सुरेश कश्यप ने कहा कि कुछ दिनों से कई कार्यकर्ता फेसबुक अन्य माध्यमों से पार्टी नेतृत्व एवं संगठन के खिलाफ अनुचित टिप्पणियां कर रहे थे जिसका पार्टी ने कड़ा संज्ञान लिया है। पार्टी किसी भी प्रकार की अनुशासनहीनता को बर्दाश्त नहीं करेगी ।
उन्होंने कहा कि कुछ कार्यकर्ताओं को कारण बताओ नोटिस जारी किए गए है । पिछले कुछ दिनों में कई शिकायतें भी प्राप्त हुई थी जो कि पार्टी की अनुशासन समिति के पास भेजी गई थी। अनुशासन समिति की ओर से सभी शिकायतों को अच्छी तरह से जांचा गया और जब उसका सत्यापन हुआ तब इस प्रकार का कड़ा संज्ञान पार्टी की ओर से लिया गया। उन्होंने कहा कि आने वाले समय में भी पार्टी किसी भी प्रकार की पार्टी विरोधी गतिविधियों एवं अनुशासनहीनता को बर्दाश्त नहीं करेगी ।
भाजपा अध्यक्ष ने कहा कि प्रदेश में कई प्रकार की संस्थाएं काम कर रही है जैसे कि नमो अगेन, नमो प्रचार समिति, संयुक्त व्यापार प्रकोष्ठ, नमो योजना प्रचार समिति, अटल सेना, मोदी सेना और अन्य काफी बड़ी संख्या में इस प्रकार की संस्थाएं कार्यरत है। पार्टी ने तय किया है कि आने वाले समय में कोई भी पार्टी का दायित्ववान कार्यकर्ता अगर इन संस्थाओं में दायित्व लेता है तो उसको पार्टी के दायित्व से मुक्त किया जाएगा।
उन्होंने कहा कि भारतीय जनता पार्टी एक अनुशासित पार्टी है और पार्टी के प्रत्येक नेता व कार्यकर्ता को अनुशासन में रहकर ही पार्टी के लिए कार्य करना होता है और जो पार्टी के अनुशासन को भंग करेगा उससे पार्टी सख्ती से निपटेगी।