Friday, October 24, 2025
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5 लाख नौकरी देने वाली कांग्रेस, विश्वविद्यालय से भी निकाल रही कर्मचारी : कश्यप

शिमला, भाजपा प्रदेश पूर्व अध्यक्ष एवं सांसद सुरेश कश्यप ने कहा कि वर्तमान कांग्रेस सरकार एक लाख नौकरी पहली कैबिनेट और 5 लाख नौकरी देने आई थी, पर हिमाचल प्रदेश में नौकरियों को छीनने का क्रम अभी तक रुक नहीं है। एक के बाद एक प्रति सरकारी विभाग में आउटसोर्स कर्मचारीयों को या तो निकल जा रहा है या उनका वेतनमान रोका जा रहा है।

उन्होंने कहा कि हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय शिमला के 182 पुराने आउटसोर्स कर्मचारियों की नौकरी संकट में है, विवि ने नई भर्ती प्रक्रिया शुरू कर दी है। इसमें पुराने कर्मचारियों को दोबारा नौकरी पर रखने में प्राथमिकता नहीं दी जा रही है। विवि प्रशासन ने इस बार कर्मचारियों की अस्थायी नियुक्ति एक माह की अवधि के लिए करने का निर्णय लिया है। यह भर्ती विभिन्न विभागों के प्रशासनिक और तकनीकी शाखाओं में की जा रही है।30 सितंबर को 182 आउटसोर्स कर्मचारियों का करार समाप्त हो गया था। इनमें से कई कर्मचारी 8 से 12 सालों से विश्वविद्यालय में तैनात थे। लंबे समय से सेवाएं देने के बावजूद नई भर्ती में उन्हें प्राथमिकता नहीं दी जा रही है, जिससे इनमें आक्रोश है। उन्होंने कहा कि वर्तमान कांग्रेस सरकार को पुराने कर्मचारियों के बारे में सोचना चाहिए, उनकी सुननी चाहिए। ऐसी क्या मजबूरी है कि विश्वविद्यालय को नए कर्मचारियों की भर्ती करने की आवश्यकता आन पड़ी, क्या इस प्रकिया में यह किसी एक कांग्रेस मित्र को लाभ पहुंचाने की तो नहीं सोच रहे।

उन्होंने कहा कि डीए की घोषणा में भी मुख्यमंत्री ने एक प्रतिशत का हेर फेर कर दिया। मुख्यमंत्री को पता है कि उन्होंने हिमाचल प्रदेश की वित्तीय स्थिति गंभीर कर दी है और वित्त विभाग को वेंटिलेटर तक पहुंचने में किसी भी प्रकार की कमी नहीं रखी है। आज हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री ने 01.07.2023 से 3 प्रतिशत डीए वृद्धि (कुल डीए 45 प्रतिशत) की घोषणा की है, जबकि केंद्र सरकार ने 01.07.2023 से 4 प्रतिशत (कुल डीए 46 प्रतिशत) की वृद्धि की थी। राज्य सरकार के इस निर्णय से कर्मचारी 01.07.2023 से देय डीए से वंचित हो गए हैं। इसमें सीधा-सीधा दिखाई देता है कि मुख्यमंत्री ने एक प्रतिशत कर्मचारियों का हक छीन लिया है, उनकी मंशा ही नहीं है कि वह कर्मचारी के बारे में सोचे।

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