हिमाचल प्रदेश राज्य के राज्य स्तरीय बैंकर्स समिति के संयोजक यूको बैंक की एसएलबीसी की 161वीं बैठक शिमला स्थित अतिथि गृह पीटर हॉफ में सम्पन्न हुई। बैठक की अध्यक्षता एके गोयल, एमडी एवं सीईओ और राम सुभाग सिंह, सचिव, हि.प्र.सरकार ने की।
बैंक ने अपनी वार्षिक रिपोर्ट की जानकारी सांझा करते हुए बताया वित्तीय वर्ष 2021-22 की प्रथम तिमाही के दौरान, हिमाचल प्रदेश में बैंकों ने रु.7634 करोड़ के लक्ष्य के मुकाबले 7720 करोड़ रुपये के नए ऋण वितरित किए जो कि 101.12% है।
वर्ष 2021 की स्थिति के अनुसार, बैंकों के पास कुल रु.142971 करोड़ रुपये की जमा राशि और रु.54485 करोड़ रुपये की राशि के ॠण हैं, जिसका सीडी अनुपात 38.11% है।
मुख्यमंत्री स्वावलंबन योजना के तहत, बैंकों ने वित्त वर्ष 2021-22 की प्रथम तिमाही के दौरान 5320 मामलों को मंजूरी दी।
केसीसी योजना के तहत 4,22,735 किसानों को 7061 करोड़ रुपये एवं मुद्रा योजना के तहत 182735 लाभार्थियों को 2772 करोड़ की राशि के ॠण स्वीकार किये गये।
स्ट्रीट वेंडर्स योजना के एक वर्ष की अवधि पूर्ण होने पर भारत सरकार ने इस योजना के अन्तेर्गत ॠण सीमा को रु.10000 से बढ़ा कर 15000.00 कर दिया एवं ॠण वापस करने की समय सीमा वी एक वर्ष से बढ़ा कर 18 महीने कर दी । मुख्यव सचिव ने इस योजना के अंतर्गत ॠण लेने वाले हिमाचल प्रदेश के लाभार्थियों के लिये स्टा म्पख डयूटी पर छूट देने का आश्वा सन दिया।
बैंकों के पास विभिन्नर योजनाओं जैसे स्वा निधि, परिवहन ॠण, होटल ॠण, मुख्यर मंत्री स्वारबलम्बेन योजना एवं पीएमईजीपी इत्यायदि के लम्बित पड़े मामलों का शीर्घ निपटान करने के आदेश दिये।
मुख्यी सचिव ने बैंकों को आदेश दिया कि वे कम से कम महीने में एक बार वीसी के द्वारा शाखा प्रबंधकों से अवश्यी एक बैठक किया करें और लम्बित पड़े मामलों को निप्टा ने एवं अन्यश दिशा निर्देशों के सम्बयन्ध में जानकारी उनके सांझा किया करें।
निजि बैंकों द्वारा सरकारी योजनाओं के ॠण स्वीकृति न करने का संज्ञान लेते हुये मुख्यं सचिव ने कहा कि सरकार उनके जमा राशि के लक्ष्य पूरा करने में बहुत मदद करती है, यदि वे सरकारी ॠण स्वीकृति नहीं करेंगे तो सकता गलत प्रभाव है।
यूको बैंक के प्रबंध निदेशक एवं मुख्यब कार्यकारी अधिकारी श्री गोयल ने बताया कि इतिहास में यह पहली बार हुआ है कि सरकार अपना धन निजि बैंकों में जमा करने का रुझान दिखा रही है। उन्होंहने एक निजि बैंक का उदाहरण देते हुये कहा कि एक निजि बैंक की मात्र 12 शाखायें ही इस राज्य् में हैं जबकि 12 सरकारी योजनाओं से अधिक की जमाराशि को रखने के लिए इस बैंक के पास खाते खोले गये हैं। इस समय तक सरकार की कुल 64 योजनाओं में से 41 योजनाओं के खाते निजि बैंकों में खोले गये हैं। उन्होंरने मुख्यध सचिव से विशेष अनुरोध किया कि वे इस विषय में आवश्याक कदम उठायें।
बैठक में ये भी रहे उपस्थित
ए.के.गोयल, प्रबंध निदेशक एवं सीईओ, यूको बैंक, प्रधान कार्यालय, कलकत्ताव।
राम सुभाग सिंह, मुख्यन सचिव, हिमाचल प्रदेश सरकार, शिमला ।
प्रबोध सक्सेंना, अतिरिक्ति विशेष सचिव, वित्तब, हि.प्र. सरकार। एस.एस.नेगी, डीजीएम, यूको बैंक, शिमला।
के.सी. आनंद, महाप्रबंधक (प्रभारी), भारतीय रिजर्व बैंक।
डी.के.रैना, मुख्य महा प्रबंधक, नबार्ड, शिमला