Friday, December 20, 2024
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प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी पर टिप्पणी से पहले आंनद शर्मा पंचायत चुनाव जीत कर दिखाएं : सत्ती


हिमाचल प्रदेश भाजपा के अध्यक्ष सतपाल सत्ती ने कांग्रेस के वरिष्ठ नेता आंनद शर्मा को चुनौती दी है कि वे प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के खिलाफ टिप्पणी करने से पहले देश के किसी पंचायत का चुनाव जीत कर दिखाए। उन्होंने कहा कि नरेन्द्र मोदी ने यह साबित कर दिया है कि वे आज़ादी के बाद देश के सबसे बड़े जननायक है। जबकि आंनद शर्मा सिर्फ चमचागिरी और जुगाड़ की राजनीति करके हिमाचल को बदनाम कर रहे हैं। कांग्रेस नेता विकास और राष्ट्रीय सुरक्षा के मामले में मोदी सरकार के पांच साल कांग्रेस शासन के 55 सालों पर भारी पड़ते देख बौखला गए हैं। 
सतपाल सिंह सत्ती ने कहा कि आंनद शर्मा ने अपने राजनीतिक जीवन में कभी कोई चुनाव नहीं जीत पाया। उन्होंने 1982 में एक बार शिमला विधानसभा सीट से चुनाव लड़ कर अपनी औकात आजमा ली थी। तब वे भाजपा के दौलत राम चौहान से बुरी तरह हार गए थे। तब से उन्होंने कोई चुनाव नहीं लड़ा और इंदिरा गांधी के खानदान की चाटुकारिता करके अपनी राजनीतिक किस्मत चमकाई। अपने गृहराज्य में उनका कोई जनाधार नहीं है। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता व कई बार मुख्यमंत्री रहे वीरभद्र सिंह से डर कर आंनद शर्मा ने हिमाचल प्रदेश को बिल्कुल छोड़ दिया और अब वे एक सैलानी की तरह यहां आते हैं। 
उन्होंने कहा कि आंनद शर्मा को जननायक प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की सरकार पर टिप्पणी करने का कोई नैतिक अधिकार नहीं है। मोदी लंबे समय तक गुजरात के मुख्यमंत्री रहे और उन्होंने उसे एक विकसित राज्य में तबदील कर दिया। बहुमुखी विकास के मामले में गुजरात मॉडल दुनिया भर में आदर्श माना जाता है। जबकि चमचागिरी और जुगाड़ की राजनीति करके आंनद शर्मा ने केंद्र में राज्य मंत्री का हथियाने के बावजूद हिमाचल प्रदेश की कोई मदद नहीं की। हिमाचल में उनका कोई वजूद नहीं होने के कारण वे राज्यसभा में राजस्थान का प्रतिनिधित्व करते हैं। 
भाजपा अध्यक्ष ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के खिलाफ आंनद शर्मा के बौखलाहट भरे बयान बताते हैं कि हिमाचल प्रदेश और देश में कांग्रेस का सियासी वजूद खतरे में है। उन्हें पता है कि हिमाचल की चारों लोकसभा सीटें भाजपा के खाते में जाएंगी और पिछली लोकसभा में अपनी 44 सदस्यों की संख्या से भी बहुत कम पर निपट जाएगी। राहुल गांधी के लिए यह चुनाव कांग्रेस के इतिहास का सबसे मुश्किल चुनाव साबित होगा। 

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